वॉशिंगटन। सुनीता विलियम्स जो इस समय स्पेसक्राफ्ट में तकनीकी खराबी के कारण अपने दोस्त के साथ स्पेस में फंसी हुई हैं। उन्हें धरती पर लौटने में अभी चार-पांच महीने और लग सकते हैं। अपने साथ विल्मोर के साथ चुनौतियों का सामना कर रहीं सुनीता अंतरिक्ष यात्री 19 सितंबर को धरती से करीब 400 किलोमीटर दूर अपना 59वां जन्मदिन मानएंगी। इससे पहले भी वह स्पेस में अपना बर्थडे मना चुकी हैं। सुनीता विलियम्स का जन्म 19 सितंबर 1965 को हुआ था। वह भारत के अहमदाबाद (गुजरात) से ताल्लुक रखती हैं और अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के जरिए से अंतरिक्ष में जाने वाली भारतीय मूल की दूसरी महिला हैं। उनसे पहले कल्पना चावला ने यह उपलब्धि हासि की थी।
जून 1998 में उनका अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी नासा में चयन हुआ और ट्रेनिंग शुरू हुई। सुनीता विलियम्स जो अमेरिका के अंतरिक्ष मिशन पर गई हैं। वह सितंबर-अक्टूबर 2007 में भारत भी आई थीं। जून, 1998 से नासा से जुड़ी सुनीता ने अभी तक कुल 30 अलग-अलग विमानों में 3 हजार हजार घंटे से ज्यादा उड़ान भरी है। साथ ही सुनीता सोसायटी ऑफ एक्सपेरिमेंटल टेस्ट पायलट्स, सोसायटी ऑफ फ्लाइट टेस्ट इंजीनियर्स और अमेरिकी हेलिकॉप्टर एसोसिएशन जैसी संस्थाओं से भी जुड़ी हुई हैं। सुनीता विलियम्स नौसेना पोत चालक, हेलीकाप्टर पायलट, परीक्षण पायलट, पेशेवर नौसैनिक, तैराक, पशु-प्रेमी, मैराथन धाविका और अब अंतरिक्ष यात्री एवं विश्व-कीर्तिमान धारक हैं। कार्यक्षेत्र में अपनी उपलब्धियों से उन्हें नेवी कमेंडेशन मेडल, नेवी एंड मरीन कॉर्प अचीवमेंट मेडल, ह्यूमैनिटेरियन सर्विस मेडल जैसे कई सम्मानों से नवाजा जा चुका है। सुनीता को 2008 में भारत सरकार द्वारा विज्ञान एवं अभियांत्रिकी के क्षेत्र में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।