इस्लामाबाद, | पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहमद उमर सईद शेख को रिहा करने का आदेश दिया, जो 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल के अपहरण और हत्या का मुख्य आरोपी है। पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने सिंध प्रांतीय सरकार की ओर से सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) द्वारा आरोपी व्यक्तियों को रिहा करने के फैसले के खिलाफ दायर की गई अपील को खारिज कर दिया।
डॉन न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, शीर्ष अदालत ने सिंध हाईकोर्ट (एसएचसी) के फैसले के खिलाफ सिंध सरकार की उस अपील को खारिज कर दिया, जिसमें शेख की सजा को पलटने की बात कही गई है।
अपने फैसले में न्यायमूर्ति मुशीर आलम की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने संदिग्ध को रिहा करने का निर्देश दिया।
पीठ में शामिल केवल एक सदस्य ने फैसले का विरोध किया।
यह फैसला सिंध सरकार द्वारा एसएचसी के उस फैसले को चुनौती देने के बाद आया है, जिसमें 2 अप्रैल को मुख्य आरोपी अहमद उमर सईद शेख की मौत की सजा को सात साल कर दिया गया, जबकि तीन अन्य लोग जो उम्रकैद की सजा काट रहे थे, उन्हें रिहा कर दिया गया था।
हालांकि सिंध प्रांतीय सरकार ने एमपीओ अध्यादेश 1960 के तहत चारों लोगों की तत्काल हिरासत का आदेश दिया।
एसएचसी ने 24 दिसंबर, 2020 को इसे अयोग्य ठहराते हुए आरोपियों की तत्काल रिहाई के आदेश दिए।
अमेरिका ने एसएचसी के आदेश पर गहरी चिंता व्यक्त की थी।
डॉन की खबर के मुताबिक, शेख के सुप्रीम कोर्ट में यह कहने के एक दिन बाद कि उसने 19 साल पहले इस क्रूर हत्या में ‘छोटी’ भूमिका निभाई थी, गुरुवार को ये फैसला आया।
द वॉल स्ट्रीट जर्नल के 38 वर्षीय दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख उस समय कराची में धार्मिक अतिवाद पर रिसर्च कर रहे थे, जब जनवरी 2002 में उनका अपहरण कर लिया गया।
एक ग्राफिक वीडियो में पत्रकार का सिर कलम करते हुए देखा जा सकता है, जिसे अमेरिका में वाणिज्य दूतावास को भेजा जा चुका है।
शेख को 2002 में गिरफ्तार किया गया था और ट्रायल कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी।
एसएचसी ने अपने 2 अप्रैल, 2020 के आदेश में इस फैसले को पलट दिया था।
प्रांतीय हाईकोर्ट ने फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब जैसे तीन अन्य लोगों को भी बरी कर दिया था, जिन्हें पहले कराची में आतंकवाद-रोधी अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी।