बीजिंग, | संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनिओ गुटरेस ने 13 जून को एक बार फिर विकसित देशों, खास तौर पर जी-7 देशों से विकासशील देशों को हर साल 1 अरब डॉलर के जलवायु वित्त प्रतिबद्धता का पालन करने का आह्वान किया। उन्होंने जोर दिया कि यह विभिन्न पक्षों द्वारा आपसी विश्वास की स्थापना करने और पेरिस समझौते के जलवायु एक्शन के लक्ष्य को साकार करने के लिए अति महत्वपूर्ण है। संयुक्त राष्ट्र संघ स्थित स्थायी चीनी प्रतिनिधि चांग च्वन ने गुटरेस के आह्वान पर सहमत जताई। उन्होंने कहा कि विकसित देशों खास तौर पर जी-7 देशों ने अभी तक अपने वायदे का पालन नहीं किया, जिसने गंभीर रूप से जलवायु एक्शन के लक्ष्य को साकार करने में बाधा डाली है। यह इस साल संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन की ढांचागत संधि के 26वें संस्थापक पक्ष के सम्मेलन में हल करने वाली गंभीर समस्या होगी।
गौरतलब है कि 2009 कोपेनहेगन जलवायु परिवर्तन सम्मेलन में विकसित देशों ने यह वायदा किया कि 2020 से पहले विकासशील देशों को कम से कम 1 अरब डॉलर की पूंजी देंगे। लेकिन इतने साल हो चुके हैं, विकसित देशों ने अब तक इस वायदे का पालन नहीं किया है, जिसके प्रति अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में निराशा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने विकसित देशों से सदिच्छा प्रकट कर विकासशील देशों को जलवायु परिवर्तन का निपटारा करने की क्षमता उन्नत करने में मदद देने की अपील की।