बीजिंग, | मशहूर अमेरिकी अध्ययनकर्ता ग्राहम अलिसन ने कहा था कि कोविड-19 महामारी के दौरान वाशिंगटन के राजनीतिज्ञ हमेशा चीन को निशाना बनाते हैं ताकि वे महामारी नियंत्रण में हार की जिम्मेदारी से बच सकें। यह सही बात है कि कोरोना महामारी वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य आपदा है ,लेकिन अमेरिकी नेता उसे हथियार बनाकर बड़े देशों के बीच मुठभेड़ छेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। रूसी अंतरराष्ट्रीय मामला परिषद की वेबसाइट में हाल ही में जारी एक आलेख में कहा गया कि अमेरिका में महामारी की स्थिति दिन ब दिन गंभीर हो रही है, लेकिन वर्तमान अमेरिकी सरकार घरेलू स्थिति सुधारने के बजाय विदेशों में बलि का बकरा ढूंढने में व्यस्त है। यह एकदम गलत दिशा है। ब्रिटिश अध्ययनकर्ता मार्टिन जाग्स ने हाल ही में एक संगोष्ठी में साफ कहा कि कोविड-19 महामारी की शुरूआत से ही भू राजनीति ने विज्ञान की जगह ले ली थी। अमेरिका वास्तविक स्थिति पर लोगों का फोकस हटाने की भरसक कोशिश कर रहा है।
दूसरे पर आरोप लगाने से समग्र विश्व को धोखा नहीं दिया जा सकता। अमेरिका में कोरोना संबंधी कई आशंकाएं मौजूद हैं ,जैसे अमेरिका में कोरोना की महामारी वास्तव में कब उभरी। शुरू में उसका असली प्रसार का रास्ता क्या था। क्या महामारी और अमेरिकी जैव प्रयोगशालाओं का संबंध है या नहीं। इन संदेहों के प्रति अनेक देशों ने संयुक्त हस्ताक्षर करने की गतिविधि चलायी और विश्व स्वास्थ्य संगठन से पड़ताल करने की मांग की।
सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार एक महीने के अंदर पूरा अमेरिका लगभग बड़े खतरे वाले क्षेत्र बन गया है। अमेरिकी राजनीतिज्ञ कैसे अपनी जिम्मेदारी से बच सकते हैं। दूसरों को और खुद को धोखा देने वाला तमाशा खत्म होना चाहिए।