महीनों तक देश में अमेरिका विरोधी अभियान चलाने के बाद अब पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने भी अमेरिका की पनाह में जाने का फैसला किया है। पार्टी ने वॉशिंगटन स्थित एक लॉबिस्ट फर्म की सेवाएं ली हैं। इसका मकसद अमेरिका सरकार के साथ पीटीआई के संबंध बेहतर करना है। साथ ही ये एजेंसी अमेरिका में रहने वाले पाकिस्तानी मूल के लोगों से पीटीआई के संबंध प्रगाढ़ करने में भी मददगार बनेगी।
विश्लेषकों के मुताबिक पीटीआई का ये कदम उसका इस बात की स्वीकार करना है कि पाकिस्तान के सत्ता तंत्र में अमेरिका की गहरी पैठ है। सेना और खुफिया तंत्र पर अमेरिका की ऐसी पकड़ है कि अमेरिका को नाराज रखते हुए वहां सत्ता में आना बेहद मुश्किल बना रहता है। बीते अप्रैल में जब पीटीआई सरकार गिरी थी, तब इमरान खान ने आरोप लगाया था कि इसकी साजिश अमेरिका में रची गई। तब से इमरान खान और पीटीआई के दूसरे नेता सत्ताधारी पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) को अमेरिका की कठपुतली बताते रहे हैं।