भोपाल: दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह के निधन पर मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने शोक संवेदनाएं व्यक्त की है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने केंद्र सरकार पर निशाना साधचे हुए कहा कि कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसानों में से अब तक बहुत से किसानों ने दम तोड़ दिया लेकिन केंद्र गहरी नींद में सोया है। पता नहीं मोदी सरकार की नींद कब खुलेगी।
पूर्व सीएम ने ट्वीट में बाबा के प्रति शोक संवेदनाएं प्रकट करते हुए लिखा कि उन्होंने दुखी होते हुए अपनी जान दे दी। परिवार के प्रति शोक संवेदनाएं। पता नहीं केन्द्र की मोदी सरकार कब नींद से जागेगी , किसान विरोधी इन काले क़ानूनों को कब वापस लेगी ? दिल्ली की सीमा पर पिछले 21 दिनों से तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में चल रहे किसानो के प्रदर्शन में अभी तक कई किसान अपनी जान गंवा बैठे है। संत बाबा राम सिंह जी नानकसर सिंगरा वालों की किसानो के समर्थन में ख़ुदकुशी की ख़बर बेहद दुखद है।
आपको बता दें कि दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर (सिंघु बार्डर) पर किसानों के धरने में शामिल संत बाबा राम सिंह ने बुधवार को खुद को गोली मारकर आत्महत्या की है। बाबा राम सिंह करनाल के रहने वाले थे। उनका एक सुसाइड नोट भी सामने आया है। बाबा ने सुसाइड नोट में लिखा है कि किसानों के समर्थन में कोई पदक वापस कर रहा है तो कोई अवार्ड, मैं अपना बलिदान दे रहा हूं..। वही बाबा की मौत पर सिंघु बार्डर से लेकर दिल्ली. पंजाब तक हड़कंप मच गया है। उनके अनुयायियों का कहना है कि बाबा की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी। सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। ये सुसाइड नहीं है ये कुर्बानी है इसके खामियाजा सरकार को भुगतना पड़ेगा।