बिहार में शनिवार (7 जनवरी) से जाति और आर्थिक गणना शुरू हो रही है। पहले चरण में मकान की गिनती होगी। दूसरे चरण में जाति और आर्थिक गणना होगी। इसके लिए सरकार ने कर्मचारियों की ट्रेनिंग कराई गई है। पहला चरण 7 जनवरी से 21 जनवरी तक चलेगा। दूसरा चरण 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक चलेगा।
इस जाति आधारित गणना के लिए 500 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान है। ये आंकड़ा बढ़ भी सकता है। यह राशि बिहार आकस्मिकता निधि से दिया जाएगा।