कोलकाता। पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिले के हरिसारा गांव में दो आदिवासी महिलाओं की जादू-टोना करने के संदेह में पीट-पीटकर हत्या कर दी गयी। ये घटना आदिवासी समुदाय के त्यौहार करम पूजा से ठीक एक दिन पहले शुक्रवार (13 सितंबर) को हुई। महिलाओं के शव हमले के एक दिन बाद पास की नहर से बरामद किए गए।
इस हमले से संबंधित एक वीडियो, जो हमलावरों में से एक के द्वारा बनाया गया है, में देखा जा सकता है कि महिलाओं को निर्वस्त्र कर बार-बार लाठियों से पीटा गया, जब तक कि उन्होंने दम नहीं तोड़ दिया। मृत महिलाओं की पहचान 54 वर्षीय लोदगी किस्कू और 40 वर्षीय डॉली सोरेन के रूप में की गई है।
लोदगी किस्कू के परिवार ने गांव के स्थानीय नेता लक्ष्मीराम किस्कू पर उन्हें जबरन घर से ले जाने और ग्रामीणों को उन पर हमला करने के लिए उकसाने का आरोप लगाया है। दूसरी मृत महिला पड़ोसी गांव की डॉली सोरेन थीं, जो लोदगी से मिलने आई थीं, जहां वह भी उनके साथ हिंसा की शिकार बन गईं।
इस मामले को लेकर लोदगी की बेटी रानी किस्कू ने कहा, ‘गांव के नेता लक्ष्मीराम मेरी मां को हमारे घर से ले गए। हमें नहीं पता था कि मेरी मां ने क्या गलत किया है। बाद में, हमने सुना कि उन्होंने मां को मार डाला। अब हमें डर है कि वे लोग हमें भी मार सकते हैं।’ इन दोनों महिलाओं पर बेरहमी से हमला किया गया, उन्हें निर्वस्त्र कर बांध दिया गया और उनकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। उनके मरने के बाद, उनके शवों को अवपित्र मान सिंचाई नहर में फेंक दिया गया। इस हमले में कथित तौर पर कई ग्रामीण, जिनमें पुरुष और महिलाएं दोनों शामिल हैं,