जयपुर : केंद्र की मोदी सरकार ने हाल ही में अपने कार्मिकों के राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यक्रमों में शामिल होने पर लगी रोक हटा दी है। 58 साल पहले वर्ष 1966 में तत्कालीन केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों पर संघ की गतिविधियों में शामिल होने पर रोक लगा दी थी। अब केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने इस प्रतिबंध को हटाया है। राजस्थान सरकार ने वर्ष 1981 में राज्य कर्मचारियों पर संघ के कार्यक्रमों में शामिल होने पर प्रतिबंध लगाया था जो आज तक जारी है।
कई यूजर केंद्र के इस फैसले को सही बता रहे हैं, कई लोग विरोध में उतर आए हैं। विरोध करने वालों का कहना है कि संघ की गतिविधियां देश विरोधी थी। इसकारण सरदार वल्लभ भाई पटेल ने संघ प्रतिबंध लगाया था। दोनों ही पक्षों की ओर से अपने अपने तर्क देने का सिलसिला जारी है।
संघ सहित तीन संगठनों पर राज्य सरकार ने 43 साल पहले वर्ष 1981 में प्रतिबंध लगाया था जो आज तक जारी है। तत्कालीन मुख्य सचिव मदन मोहन किशन वाली 18 मार्च 1981 में आरएसएस, जमात ए इस्लामी और आनंद मार्ग संगठन से संबंद्धता रखने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए एक आदेश जारी किया। इस आदेश के मुताबिक कोई भी सरकारी कर्मचारी इन तीनों संगठनों के ना तो सदस्य बन सकते और ना ही उनकी गतिविधियों में शामिल हो सकते हैं।
राजस्थान में भाजपा की सरकार पांच बार बन चुकी है और 18 साल तक भाजपा सत्ता में रह चुकी है। वर्ष 1989 से 1998 तक भैरोसिंह सिंह शेखावत राजस्थान के मुख्यमंत्री रहे। वर्ष 2003 से 2008 और वर्ष 2013 से 2018 तक प्रदेश में भाजपा की सरकार रही और वसुंधरा राजे मुख्यमंत्री रहीं। वर्तमान में भाजपा पांचवीं बार सत्ता में है और भजनलाल शर्मा प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं। इसके बावजूद भी आरएसएस में सरकारी कर्मचारियों के शामिल होने पर प्रतिबंध को हटाया नहीं गया। तीनों संगठनों पर लगा प्रतिबंध पूर्व की भांति जारी है।