मुंबई। दिल्ली में एक एनिमल एनजीओ की मालकिन रक्षिता सिंह ने अपनी बीमार पालतू पिल्ले को पशु चिकित्सक के पास ले जाने के लिए उबर की पेट टैक्सी सेवा का इस्तेमाल किया था। रक्षिता सिंह ने बताया कि ड्राइवर ने पहले तो पिल्लों को टोकरी में ले जाने के कारण उन्हें यात्रा करने से इनकार कर दिया,बाद में किराया भी ज्यादा वसूला। यह घटना एक मेडिकल इमरजेंसी के दौरान हुई थी, जब पिल्ला बीमार हो गया और उसे डॉक्टर के पास ले जाना जरूरी था। रक्षिता सिंह ने सोशल मीडिया पर इस अनुभव को साझा करते हुए लिखा कि जब ड्राइवर को पिल्लों के बारे में पता चला, तो उसने कहा कि यह कार केवल मानव यात्रियों के लिए है और जानवरों के लिए नहीं। ड्राइवर ने उन्हें कैब से उतरने के लिए कह दिया, जबकि रक्षिता ने पिल्लों को सुरक्षित रूप से टोकरी में रखा था। जब रक्षिता ने ड्राइवर को समझाने की कोशिश की, तो उसने उन्हें पेट टैक्सी सेवा बुक करने के लिए कहा। इसके बाद, जब रक्षिता ने पेट टैक्सी सेवा बुक करने की कोशिश की, तो 5 किलोमीटर की दूरी के लिए रुपए 487 का किराया दिखाया गया, जबकि सामान्य उबर टैक्सी के लिए यह किराया रुपए 150 के आसपास होता है। यह घटना सोशल मीडिया पर चर्चा का विषय बन गई, और कई पालतू जानवरों के मालिकों ने बताया कि उन्हें भी इसी तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ा है।
स्वास्तिका मुखर्जी ने इस घटना को इंस्टाग्राम पर रीशेयर करते हुए लिखा, दया कहाँ है? और उबर पर सवाल उठाया। स्वास्तिका की इस पोस्ट पर सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं, और इस मामले को लेकर उबर की नीतियों पर बहस छिड़ गई है। बता दें कि बंगाली और हिंदी सिनेमा की मशहूर एक्ट्रेस स्वास्तिका मुखर्जी अक्सर अपने सोशल मीडिया पोस्ट्स के जरिए सुर्खियों में रहती हैं। इस बार वह उबर की पेट टैक्सी सेवा के खिलाफ आवाज उठाते हुए चर्चा में आई हैं।