मकर संक्रांति आज 15 जनवरी को भी मनाई जा रही है। शनिवार रात 8.50 बजे सूर्य के मकर राशि में प्रवेश करने के साथ ही संक्रांति संक्रमण काल शुरू हो गया। इससे अगले दिन के सूर्योदय यानी आज से पर्व मनाया जा रहा है। सूर्य के राशि परिवर्तन से उत्तरायण प्रारंभ हो जाता है। यह जून-जुलाई तक रहता है।
मिथुन से जब कर्क में सूर्यदेव प्रवेश करेंगे, तब दक्षिणायण होगा। उत्तरायण से देवकार्य और शुभ कार्य शुरू हो जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. आनंदशंकर व्यास के अनुसार धर्म और कर्म के मान से मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाना चाहिए।
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर में मकर संक्रांति पर्व पर तड़के सुबह 4 बजे भस्मारती के दौरान भगवान महाकाल को तिली से बना उबटन लगाकर गर्म जल से स्नान कराया गया। भांग, सूखे मेवे से श्रृंगार कर नए वस्त्र और आभूषण धारण कराए गए। बाबा महाकाल को तिली से बने पकवानों का भोग लगाकर आरती गई।