इंदौर/खरगोन. खरगोन में एक महिला ने अपने दो बच्चों को जहर देने के बाद खुद भी जहर पी लिया। मां ने अस्पताल लाते समय दम तोड़ दिया, जबकि गंभीर हालत में गुरुवार देर रात दो बच्चों को एमवाय अस्पताल इंदौर में भर्ती किया गया है। यह जानकारी नहीं लग पाई है कि महिला ने ऐसा कदम क्यों उठाया। दोनों बच्चों की हालत गंभीर बनी हुई है।
जिला अस्पताल चौकी प्रभारी तेजराम निरगुडे ने बताया कि घटना खरगोन जिले के भगवानपुरा तहसील के पिपल्यापावडी की है। 28 साल की गयाबाई की जहर खाने से मौत हो गई है। वहीं, उसके एक साल के बेटे आशीष और 5 साल के बेटे गणेश को गंभीर हालत में इंदौर एमवाय अस्पताल भिजवाया गया है। जहर के प्रभाव में उसका पति अमर सिंह भी आ गया था, जिसका खरगोन अस्पताल में इलाज करवाया गया।
निरगुडे के अनुसार घटना गुरुवार दोपहर 3 बजे की है। अमर सिंह ने पुलिस को बताया कि वह, पिता भुवन और परिवार के अन्य सदस्य खेत पर काम कर रहे थे। पत्नी बेटी और दो बेटों के साथ घर पर थी। दोपहर में पत्नी ने घर पर रखी कपास में छिड़कने वाली मोनो कोटो दवाई खा ली। इतना ही नहीं दोनों बच्चों को भी दवाई खिला दी। मां और बच्चों की हालत बिगड़ती देख बेटी तारा दौड़ती हुई खेत पर आई और हमें घटना की जानकारी दी। इसके बाद मैं दौड़कर घर पहुंचा।
अमर ने बताया कि मुझे तेजी से भागता देख मेरे दादा का बेटा हीरू भी मेरे पीछे दौड़कर घर आ गया। यहां पर पत्नी बेहोश पड़ी थी। बच्चे भी एक तरफ पड़े हुए थे। तत्काल पड़ोसी और भाई की मदद से निजी वाहन से तीनों को जिला अस्पताल लेकर आए। अस्पताल में पत्नी को डाॅक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। वहीं, दोनों बच्चों की हालत गंभीर होने पर इंदौर रैफर कर दिया। पुलिस के अनुसार दवाई के प्रभाव में पति अमर भी आ गया है। उसकी 8 साल पहले भगवानपुरा के नांदरी गांव में रहने वाली गया बाई से शादी हुई थी।
बच्चों को इंदौर लेकर आए पड़ोसी मयाराम ने बताया कि मां ने पहले दवा पी और फिर अपने दोनों बच्चों को भी पिला दी। हालत बिगड़ी तो हम उन्हें अस्पताल लेकर आए। उन्होंने यह कदम क्यों उठाया इसकी जानकारी हमें नहीं है।