शीतकालीन सत्र पर बोले नरोत्तम, सरकार की कोशिश कि इसे न टाला जाए

शीतकालीन सत्र पर बोले नरोत्तम, सरकार की कोशिश कि इसे न टाला जाए

भोपाल। कोरोना संक्रमण के बीच मध्यप्रदेश में 28 दिसंबर को शीतकालनी सत्र शुरू होने वाला है। जिसको लेकर विधायकों और विधानसभा के कर्मचारियों का कोरोना टेस्ट करवाया गया। जिसमें से कुल 34 कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव निकले हैं वहीं बाकि लोगों की रिपोर्ट आना बाकी है। ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि शीतकालीन सत्र टाला जा सकता है। लेकिन गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि शीतकालनी सत्र पर अंतिम निर्णय सर्वदलीय बैठक के बाद ही होगा।

विधानसभा के सत्र को लेकर वो लोग सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिनके राज में विधानसभा की बैठक के बारे में सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था। कांग्रेस नेता आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में भी तो झांकें।

गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा है कि सर्वदलीय बैठक के बाद ही ये निर्धारित होगा। सरकार की यही कोशिश रहेगी कि यह सत्र टाला न जाए। विधानसभा के कई अधिकारी व कर्मचारियों समेत कुछ विधायक भी कोरोना संक्रमित हुए हैं। जिसको लेकर सावधानी बरतने की जरूरत है। वहीं शीतकालनी सत्र पर कांग्रेस के सवाल उठाने पर नरोत्तम ने कहा कि ‘विधानसभा के सत्र को लेकर वो लोग सरकार की मंशा पर सवाल खड़े कर रहे हैं जिनके राज में विधानसभा की बैठक के बारे में सुप्रीम कोर्ट को निर्देश देना पड़ा था। कांग्रेस नेता आरोप लगाने से पहले अपने गिरेबां में भी तो झांकें’

कांग्रेस पर कसा तंज…
कांग्रेस पर तंज कसते हुए नरोत्तम ने कहा कि ‘शिवसेना के मुखपृष्ठ सामना में भी लिखा है कि PM मोदी और अमित शाह जैसा नेतृत्व किसी के पास नहीं है। पहले अमेरिका के राष्ट्रपति ओबामा और अब सामना अखबार में भी यही लिखा है। पहले तो सिर्फ हम कहते थे लेकिन अब कांग्रेस के सहयोगी दल भी यही कह रहे हैं। कांग्रेस में अब उसके सहयोगी दलों का भी भरोसा नहीं रहा। महात्मा गांधी जी ने सही कहा था कांग्रेस अपनी प्रासंगिकता खो चुकी है। इसे भंग कर देना चाहिए। सोनिया जी और राहुल गांधी जी को गांधी जी की नसीहत पर अब गंभीरता से विचार करना चाहिए’।

कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली पर भी उठाए सवाल…
गृहमंत्री नरोत्तम ने कांग्रेस की ट्रैक्टर रैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि ‘कांग्रेस के नेता अब किसानों को घड़ियाली आंसू दिखाने के लिए शहर में ट्रैक्टर रैली निकालने की बात कर रहे हैं। यदि कांग्रेस ने 15 महीने के राज में किसानों से किए वादे पूरे किए होते तो चार्टर में चलने वाले उसके नेताओं को ट्रैक्टर रैली निकालने का दिखावा नहीं करना पड़ता’।

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