लखनऊ। उत्तर प्रदेश में पिछले चार वर्षों में स्थापित नई कंपनियों को बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में सूचीबद्ध कराने में प्राथमिकता दी जाएगी। अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) एमएसएमई, नवनीत सहगल के अनुसार, गुरुवार को एनएसई के वरिष्ठ प्रबंधक राकेश कुमार के साथ बैठक में यह निर्णय लिया गया।
सहगल ने कहा कि दो एक्सचेंजों और उद्योग निकायों जैसे फिक्की और लघु उद्योग भारती के बीच वर्चुअल बैठकें आयोजित की जाएंगी ताकि वे अपने सदस्यों को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिए प्रोत्साहित कर सकें। सहगल और कुमार ने अपनी चर्चा के दौरान राज्य में नई कंपनियों को दो स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध करने की संभावनाओं के बारे में बताया।
सहगल ने कुमार को बताया कि उत्तर प्रदेश में लगभग 55 लाख डीमैट खाते हैं, जो इसे देश में तीसरा सबसे बड़ा खाता बनाता है। वर्तमान में, उत्तर प्रदेश की आठ कंपनियां एनएसई पर सूचीबद्ध हैं और नौ बीएसई पर सूचीबद्ध हैं। सहगल ने कहा, यह इस तथ्य के बावजूद है कि यूपी में इलेक्ट्रॉनिक्स, आईटी, लॉजिस्टिक्स, मैन्युफैक्च रिंग, प्लास्टिक, लेदर, एग्रो, फूड प्रोडक्ट्स और गारमेंट कंपनियों की संख्या अधिक है। उन्होंने कहा कि स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने से इन कंपनियों की बाजार पूंजी बढ़ेगी। इससे कारोबार में वृद्धि होगी और रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे।