कोरोना महामारी की तीन लहर बीत जाने के बाद भी वायरस के नए वैरिएंट का डर अभी भी लोगों के मन में बना हुआ है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ और वैज्ञानिक लगातार शोध में जुटे हैं। कोरोना को लेकर होने वाली रिसर्च में हर बार चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं। हाल ही में सामने आई रिसर्च में पता लगा है कि कोविड-19 के प्रारंभिक संक्रमण से शरीर का लगभग हर अंग प्रभावित होता है। संक्रमित व्यक्ति पर अल्पकालिक और कुछ दीर्घकालिक जोखिम देखने को मिल सकते हैं। पहले संक्रमण के बाद एंटीबॉडी प्राप्त करने और वैक्सीन या फिर बूस्टर डोज लेने वाले लोग भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। बार-बार हो रहा संक्रमण मौत को खतरे को भी कई गुना बढ़ा देता है। कई बार संक्रमण होने से शुगर, गुर्दे की बीमारी और मानसिक स्वास्थ्य जैसी दिक्कतों में इजाफा करता है।
हाल ही में सेंट लुइस में वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन और वेटरन्स अफेयर्स सेंट लुइस हेल्थ केयर सिस्टम की कोविड-19 को लेकर नई स्टडी सामने आई है। यह शोध खासकर कोविड-19 से दो बार संक्रमित हुए लोगों को लेकर हुई है। इसमें पाया गया है कि कोरोना के बार-बार संक्रमण होने से शरीर के कई अंगों में अन्य बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। बार-बार कोरोना संक्रमण होने से फेफड़े, हृदय, मस्तिष्क, शरीर में रक्त की समस्या, मस्कुलोस्केलेटल और गैस्टोइंस्टेंटाइनल प्रणाली को काफी नुकसान पहुंचता है। इनके साथ ही बार-बार संक्रमण मौत को खतरे को भी कई गुना बढ़ा देता है। कई बार संक्रमण होने से शुगर, गुर्दे की बीमारी और मानसिक स्वास्थ्य जैसी दिक्कतों में इजाफा करता है।