फफक पड़ी मां, बोली मेरा बेटा लौटा दो…

फफक पड़ी मां, बोली मेरा बेटा लौटा दो…

टीम एब्सल्यूट सतना प्रदेश के सतना जिले के पड़िया निवासी सीआरपीएफ जवान धीरेंद्र त्रिपाठी का बुधवार को उनके गृह ग्राम में राजकीय सम्मान और गार्ड आॅफ आॅनर देकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। इस दौरान वीर सपूत धीरेंद्र के अंतिम दर्शन के लिए हजारों लोगों की भीड़ हो गई। इससे पहले शहीद का शव सुबह गांव पहुंचा। यहां लोगों ने शहीद अमर रहे और भारत माता की जय के नारे लगाए।
अंतिम विदाई देने सीएम शिवराज सिंह चौहान भी पड़िया गांव पहुंचे। उन्हें देखते ही शहीद की मां उनसे लिपट कर रोने लगी। बोलीं- मेरा बेटा लौटा दो और लिपटकर फफक पड़ीं। जिन्होंने मेरे लाला को मारा है, उन्हें मरवाओ। सीएम शिवराज ने कहा कि उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी और 1 करोड़ की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ गांव में शहीद की प्रतिमा स्थापित की जाएगी। सीएम चौहान ने कहा कि वीर जवान धीरेंद्र त्रिपाठी ने भारत माता की सुरक्षा करते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया। ऐसे अमर शहीद के चरणों में मध्यप्रदेश की साढ़े सात करोड़ जनता की ओर से मैं श्रद्धासुमन अर्पित करता हूं। उनका परिवार अब हमारा और मध्य प्रदेश का परिवार है। अमर शहीद धीरेंद्र अपना परिवार छोड़कर गए हैं। हम इस परिवार के साथ खड़े हैं। हम धीरेंद्र को तो वापस नहीं ला सकते लेकिन सम्मानस्वरूप उनके परिवार को 1 करोड़ रुपए की श्रद्धा निधि भेंट करेंगे। गांव में उनकी प्रतिमा स्थापित करेंगे और परिवार के एक सदस्य को शासकीय नौकरी दी जाएगी।
प्रदेश वासियों को अपने शहीद पर गर्व है’
सीएम ने कहा कि भारत माता के सच्चे सपूत पर हम सभी प्रदेशवासियों को गर्व है। अमर शहीद धीरेंद्र हम सभी की स्मृतियों में जीवित रहें, इसके लिए हम चर्चा करके उनके नाम पर एक संस्थान का नाम भी रखेंगे। शहीद धीरेंद्र की पत्नी, मेरी बहन अब सिर्फ पड़िया की बेटी नहीं, पूरे मध्य प्रदेश की बेटी है। धीरेंद्र के नाम पर पड़िया के शासकीय विद्यालय का नामकरण किया जाएगा और उनके परिवार व ग्रामवासियों से चर्चा कर एक सड़क का नामकरण भी उनके नाम पर किया जाएगा। एक बार फिर उनके चरणों में नमन करता हूं।
पुलवामा में आतंकी हमले में शहीद हो गए थे
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में पंपोर के कांधीजल ब्रिज पर सोमवार को सीआरपीएफ की 110 बटालियन और जम्मू-कश्मीर पुलिस के जवान रोड ओपनिंग ड्यूटी (आरओपी) पर तैनात थे। उसी दौरान आतंकियों से मुठभेड़ में दो जवान शहीद हो गए थे। जबकि पांच घायल हो गए। इनमें जवान धीरेंद्र त्रिपाठी भी शामिल था। धीरेंद्र के पिता रामकलेश त्रिपाठी भी सीआरपीएफ में हैं।

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