नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश में 2022 में विधानसभा चुनाव होना है। इसके मद्देनजर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आज (11 जून) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की। बता दें कि सीएम योगी यूपी भवन से पीएम आवास पहुंचे और 10:45 बजे पीएम मोदी से उनकी बातचीत शुरू हुई। यह बैठक करीब सवा घंटे तक चली। कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बैठक में यूपी के मिशन 2022 पर चर्चा हुई। साथ ही, कैबिनेट विस्तार पर भी मुहर लगी। दावा किया जा रहा है कि दो दिन पहले कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामने वाले जितिन प्रसाद को मंत्री बनाया जा सकता है। उन्हें जुलाई में एमएलसी बनाया जा सकता है। पीएम मोदी से मुलाकात के बाद बाद सीएम योगी अब भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ उनके आवास पर मुलाकात की। अब सीएम योगी राष्ट्रपति कोविंद से बात के लिए रवाना हो गए हैं।
गौरतलब है कि सीएम योगी ने गुरुवार (10 जून) को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। साथ ही, संगठन और सरकार में बदलाव को लेकर लग रहे कयासों को विराम लगा दिया था। अहम बात यह है कि उत्तर प्रदेश में करीब एक महीने से योगी सरकार के खिलाफ पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर उभर रहे हैं। ऐसे में सीएम योगी का दिल्ली आना और पीएम मोदी से मुलाकात करना काफी अहम है।
पीएम से मुलाकात के बाद योगी ने किया ट्वीट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद सीएम योगी ने ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, ‘आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नई दिल्ली में शिष्टाचार भेंट एवं मार्गदर्शन प्राप्ति का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अपनी व्यस्ततम दिनचर्या से भेंट के लिए समय प्रदान करने व आत्मीय मार्गदर्शन करने हेतु आदरणीय प्रधानमंत्री जी का हृदयतल से आभार।’
अमित शाह संग डेढ़ घंटे तक हुई थी बैठक
गौरतलब है कि पीएम मोदी से मुलाकात से पहले सीएम ने गुरुवार को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के साथ करीब डेढ़ घंटे तक बैठक की थी। बताया जा रहा है कि उस दौरान 2022 के लिए रोडमैप और संभावित कैबिनेट विस्तार पर भी चर्चा हुई।
मंत्री बन सकते हैं जितिन प्रसाद और अरविंद कुमार शर्मा
बता दें कि योगी और पीएम मोदी की मुलाकात के बीच पूर्व आईएएस अरविंद कुमार शर्मा के मंत्री बनने की अटकलें तेज हो गई हैं। माना जा रहा है कि दो दिन पहले भाजपा का दामन थामने वाले जितिन प्रसाद भी मंत्रीमंडल में शामिल हो सकते हैं। सूत्रों का दावा है कि पीएम मोदी और सीएम योगी के बीच मंत्रीमंडल विस्तार पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा कोरोना की तीसरी लहर पर लगाम लगाने के संबंध में भी बातचीत हो सकती है।