लखनऊ: कुछ समय पहले ही श्रद्धा मर्डर केस सामने आया, जिसमें हत्यारे आफताब ने उसके 36 टुकड़े किए। झारखंड की रेबिका को पति ने 50 टुकड़ों में काटकर फेंका।
लखनऊ में भाई ने छोटी बहन की हत्या कर उसे घर में ही दफना दिया। इन सभी हाल की घटनाओं में एक बात कॉमन है-विक्टिम महिलाएं थीं और आरोपी पुरुष। कहीं आरोपी करीबी रिश्तेदार तो कहीं अनजान व्यक्ति था।
अभी ‘बिकिनी किलर’ के नाम से मशहूर चार्ल्स शोभराज भी अपनी रिहाई की वजह से चर्चा में रहा। उसने अलग-अलग देशों में 24 से ज्यादा महिलाओं की हत्या की। निर्भया भी इसी सोच का शिकार हुई थी।
आपके मन में यह सवाल उठा होगा कि आखिर कोई पुरुष किसी महिला को इस कदर बेरहमी से कैसे मार सकता है? महिला से जान छुड़ाना या सिर्फ फैंटेसी के लिए किसी महिला को मार देना क्या सही है?