नई दिल्ली। नए कृषि कानून को वापिस लेने की मांग पर अड़े किसानों का सिंघू बॉर्डर पर धरना प्रदर्शन रविवार को 18वें दिन भी जारी रहा। जहां किसान पीछे हटने को तैयार नहीं है वहीं केंद्र सरकार कह चुकी है कि कृषि कानून वापिस नहीं लिया जाएगा। हालांकि सरकार इसमें संशोधन करने को तैयार है। किसानों ने 14 दिसंबर को आंदोलन को और तेज करने की चेतावनी दी है, इसी बीत केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पंजाब के भाजपा नेताओं को दिल्ली बुलाया है। वहीं कांग्रेस नेता जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले कांग्रेसी नेताओं में शशि थरूर भी शामिल हैं।
पंजाब भाजपा नेताओं के साथ शाह की बैठक
गृह मंत्री अमित शाह ने नई दिल्ली में पंजाब भाजपा नेताओं के साथ बैठक बुलाई है। इस बैठक में अश्विनी शर्मा, सोमप्रकाश समेत पंजाब भाजपा के कई नेता शामिल होंगे। वहीं केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने रविवार को किसान आंदोलन पर अमित शाह से मुलाकात की। इस मुलाकात में नेताओं के बीच क्या चर्चा हुई इसकी जानकारी अभी नहीं मिल पाई है।
14 दिसंबर से भूख हड़ताल पर किसान
किसान सोमवार (14 दिसंबर) को भूख हड़ताल पर बैठेंगे। किसानों ने 14 दिसंबर को राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन करने का आह्वान किया है। किसान नेता पन्नू ने कहा कि अगर सरकार बात करना चाहती है तो हम तैयार हैं, लेकिन हमारी मुख्य मांग तीनों कानूनों को रद्द करने की रहेगी। हम उसके बाद ही अपनी अन्य मांगों पर आगे बढ़ेंगे। उन्होंने बताया कि किसान संगठनों के नेता नये कृषि कानूनों के खिलाफ 14 दिसंबर को सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक भूख हड़ताल करेंगे। इस बीच, आंदोलनकारी किसानों के साथ बातचीत कर रहे केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों में शामिल केंद्रीय मंत्री सोम प्रकाश ने कहा कि गतिरोध खत्म करने के लिए आंदोलन के नेताओं के साथ अगले दौर की बैठक शीघ्र बुलाने की कोशिश की जा रही है। किसान आंदोलन पर कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ चर्चा करने के बाद, प्रकाश ने कहा कि हम शीघ्र बैठक बुलाने की कोशिश कर रहे हैं…हम चर्चा कर रहे हैं। तारीख अभी तय नहीं की गई है।
किसानों के समर्थन में पंजाब के डीआईजी का इस्तीफा
किसानों के समर्थन में पंजाब के DIG (जेल) लखमिंदर सिंह जाखड़ ने इस्तीफा दे दिया है। जाखड़ ने कहा कि उन्होंने रविवार को इस्तीफा दिया। लखमिंदर सिंह जाखड़ ने पंजाब के प्रधान सचिव को पत्र लिख कर कहा कि उन्हें समय पूर्व रिटायर माना जाए। लखमिंदर सिंह जाखड़ ने कहा कि वे किसान भाइयों के साथ खड़ा होना चाहते हैं जो कृषि कानूनों के खिलाफ शांतिपूर्ण ढंग से प्रदर्शन कर रहे हैं इसलिए मैं अपने पद से इस्तीफा दे रहा हूं।