नई दिल्ली। कोरोना महामारी की दूसरी लहर अभी जारी है। कोरोना संक्रमण पर काबू पाने के लिए तेजी से टीकाकरण किए जाने पर जोर दिया जा रहा है। देश में कोरोना वैक्सीन से 31 लोगों की मौत होने के आरोपों की जांच कर रही समिति ने बताया कि अब तक कोरोना वैक्सीन से सिर्फ एक ही मौत हुई है। 30 लोगों की मौत अन्य कारणों से हुई है।
कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभावों को लेकर तरह-तरह के दावे किए जा रहे थे। इस बीच, कुछ लोगों ने 31 लोगों की मौत कोरोना वैक्सीन से होने का दावा किया। इसके बाद सरकार ने कोरोना वैक्सीन के गंभीर दुष्प्रभावों की समीक्षा की है।
31 में से सिर्फ एक की मौत वैक्सीन की वजह से हुई
वैक्सीन लगने के बाद कोई गंभीर बीमारी होने या मौत होने को वैज्ञानिक भाषा में एडवर्स इवेंट फॉलोइंग इम्यूनाइजेशन (एईएफआई) कहा जाता है। एईएफआई के लिए केंद्र सरकार ने एक कमेटी गठित की है। इस कमेटी ने वैक्सीन लगने के बाद हुई 31 मौतों की समीक्षा करने के बाद पुष्टि की कि एक बुजुर्ग जिसकी उम्र 68 साल थी, उसकी मौत वैक्सीन लगने के बाद एनाफिलैक्सीस से हुई। ये एक तरह का एलर्जिक रिएक्शन होता है। बुजुर्ग को 8 मार्च 2021 को वैक्सीन की पहली डोज लगी थी और कुछ दिन बाद ही उनकी मौत हो गई थी।
तीन और मौतों की जांच हो रही
एईएफआई कमेटी के चेयरमैन डॉ. एनके अरोड़ा ने देश में कोरोना वैक्सीन के दुष्प्रभाव से पहली मौत होने की पुष्टि की। हालांकि, उन्होंने इस मामले में आगे कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। तीन और मौतों की वजह वैक्सीन को माना गया है, लेकिन अभी पुष्टि होना बाकी है।
सरकारी पैनल की रिपोर्ट के मुताबिक, वैक्सीन से जुड़े हुए अभी जो भी रिएक्शन सामने आ रहे हैं। उनकी उम्मीद पहले से ही थी, जिन्हें मौजूदा साइंटिफिक एविडेंस के आधार पर वैक्सीनेशन के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। ये रिएक्शन एलर्जी से संबंधित या एनाफिलैक्सीस जैसे हो सकते हैं।