मुंबई। एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को गुरुवार को बॉम्बे हाई कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने निर्देश दिया है कि वानखेड़े की गिरफ्तारी से तीन दिन पहले उन्हें नोटिस देना होगा। बता दें कि इससे पहले वानखेड़े ने गिरफ्तारी की आशंका के चलते बॉम्बे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। वानखेड़े ने अपनी याचिका में मांग की थी कि अगर उनके खिलाफ जांच होती है तो यह सीबीआई को सौंपी जाए। इसके अलावा वानखेड़े ने अंतरिम सुरक्षा की भी मांग की थी। इस मामले पर सुनवाई डिवीजन बेंच कर रही थी।
प्रभाकर सेल ने वानखेड़े और केपी गोसावी पर लगाए थे आरोप
बता दें कि समीर वानखेड़े पर ड्रग्स केस के गवाह प्रभाकर सेल ने भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए थे। प्रभाकर सेल ने खुलासा किया था कि आर्यन खान को छोड़ने के लिए केपी गोसावी नाम के शख्स ने फोन पर 25 करोड़ रुपए से बात शुरू कर 18 करोड़ में डील फिक्स करने की बात कर रहा था। केपी गोसावी ने 8 करोड़ रुपए एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े को देने की भी बात कही थी।
इससे पहले एनसीबी के दफ्तर भी पहुंचे थे वानखेड़े
एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े गुरुवार को एनसीबी के दफ्तर भी पहुंचे थे। इस दौरान मीडिया ने जब उनसे इस मामले पर सवाल किया तो उन्होंने किसी भी तरह का जवाब देने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि मुझे इस मामले पर कुछ भी कहने की जरूरत नहीं है। गौरतलब है कि समीर वानखेड़े से एनसीबी विजिलेंस की टीम ने बुधवार को साढ़े चार घंटे तक पूछताछ की थी। एनसीबी के डीडीजी ज्ञानेश्वर सिंह ने जानकारी दी कि इस दौरान वानखेड़े ने अधिकारियों को दस्तावेज भी सौंपे। जरूरत पड़ने पर उनसे आगे की पूछताछ भी की जाएगी। जब तक कि उनके खिलाफ लगे आरोपों का कोई पुख्ता सबूत नहीं मिलता वह क्रूज शिप ड्रग्स मामले में जांच अधिकारी बने रहेंगे।