जयपुर. राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट इन दिनों केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ जमकर रैलियां कर रहे हैं. इन रैलियों के जरिए वह एक ओर जहां अलग-अलग रैलियों के जरिए किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर वह हाईकमान को यह संदेश भेजने से नहीं चूकना चाहते हैं कि अब भी उनके पास लोगों का समर्थन है. पायलट ने भरतपुर के बयाना में किसानों के लिए एक विशाल रैली को संबोधित किया. इससे पहले पांच फरवरी को उनका दौरा दौसा में हुआ था, तो वहीं तीसरा 17 फरवरी को जयपुर के चाकसू में प्रस्तावित है.
दिलचस्प बात यह है कि पायलट ने अपने वफादार विधायकों के विधानसभा क्षेत्रों को इन रैलियों के लिए चुना है. दौसा के विधायक मुरारी लाल, बयाना के विधायक अमर सिंह और चाकसू के विधायक वेद प्रकाश सोलंकी से इलाकों में यह रैलियां होंगी. ये सभी बीते विधायक बीते साल जुलाई 2020 में विद्रोह के वक्त पायलट के साथ थे. इसके साथ ही पायलट की रैली में दिख रहे अन्य विधायकों में विश्वेंद्र सिंह, रमेश मीणा, गजराज खटाना और राकेश पारीक शामिल हैं.
पायलट के लंबे काफिले का हुआ स्वागत
महापंचायत के दिन मंगलवार को भरतपुर जाते समय, बस्सी और दौसा सहित कई जगहों पर पायलट के लंबे काफिले का स्वागत किया गया, जहां उन्होंने स्थानीय अधिवक्ता संघ की ई-लाइब्रेरी का उद्घाटन किया. बयाना में पायलट ने कहा कि केंद्र को तीनों कृषि कानूनों को वापस लेना चाहिए और 76 दिनों से किसान शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. उनका गांधीवादी तरीके से विरोध करने का तरीका सरकार को कानून वापस लेने के लिए मजबूर करेगा.
पायलट ने कहा कि ‘राहुल गांधी पहले ही दिन से संसद के भीतर और संसद के बाहर किसानों के मुद्दे उठा रहे हैं. एआईसीसी, पीसीसी, हम सभी पिछले दो महीनों से इस मांग को उठा रहे हैं और अब राहुल राजस्थान आ रहे हैं. इससे किसानों की मांग को आगे बढ़ाने और समर्थन करने में मदद मिलेगी और किसानों के मुद्दों को उठाने के लिए मैं जो कुछ भी कर सकता हूं वह कर रहा हूं.’ उन्होंने कहा ‘राज्य में अब तक आयोजित कुछ विरोध प्रदर्शन ‘प्रतीकात्मक” थे और इसलिए इस मुद्दे को और अधिक मजबूती से उठाने की जरूरत थी.