नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा है। पार्टी के मात्र 19 विधायक इस बार चुनाव जीत चुके हैं जो कि पिछले बार के 27 विधायकों से 8 कम हैं। ऐसे में अब पार्टी के अंदर ही भीतरघात की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच कांग्रेस नेता पी चिदंबरम चुनाव के नतीजों पर चिंता जताते हुए कहा कि कांग्रेस जमीनी स्तर पर कहीं नहीं है। यह बात उन्होंने मीडिया से बातचीत के दौरान कही।
चिदंबरम ने कहा कि कांग्रेस का जमीनी स्तर पर संगठन कमजोर पड़ चुका है। हर स्तर पर आत्ममंथन की जरूरत है। उन्होंने कहा- राहुल गांधी किसी गैर-गांधी को अगुवा चुनने के बारे में प्राथमिकता जाहिर कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को मिली करीब 25 सीट ऐसी थीं, जिन पर 20 साल से भाजपा या उसके सहयोगी जीत रहे थे। कांग्रेस को इन सीटों पर चुनाव लडऩे से इनकार करना चाहिए था। अगर कांग्रेस ऐसा करती तो नतीजें कुछ और ही होते। पार्टी को सिर्फ 45 उम्मीदवार उतारने चाहिए थे। अब केरल, तमिलनाडु, पुडुचेरी, पश्चिम बंगाल और असम देखना है वहां क्या नतीजे सामने आते हैं।
उन्होंने कहा कि गुजरात, मप्र, यूपी और कर्नाटक के उपचुनावों के नतीजे बताते हैं जमीनी स्तर पर या तो पार्टी का संगठन कहीं नहीं है, या कमजोर पड़ चुका है। बिहार में राजद-कांग्रेस के लिए जमीन उपजाऊ थी। हमे जीत के इतने करीब आकर हार का मुंह क्यों देखना पड़ा इसपर समीक्षा करने की जरूरत है। याद रखिए, ज्यादा समय नहीं हुआ जब कांग्रेस ने राजस्थान, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और झारखंड में जीत हासिल की थी।
बिहार में इस बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर लड़ा चुनाव
आपको बता दें बिहार में इस बार कांग्रेस ने 70 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से उसके मात्र 19 प्रत्याशी ही जीतने में सफल रहे। महागठबंधन के सहयोगियों में कांग्रेस का प्रदर्शन सबसे खराब था। जबकि 2015 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 40 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 27 सीटों पर जीत मिली थी।