नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को एक और बड़ा झटका लगा है। कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री जितिन प्रसाद आज यानी बुधवार को कांग्रेस छोड़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का दामन थाम लिया है। भाजपा में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस अब एक व्यक्ति विशेष और वर्ग विशेष की पार्टी रह गई है। इस वजह से काम नहीं कर पा रहा था।
भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने के बाद जितिन प्रसाद ने कहा, ”मैंने पिछले 8-10 सालों में ये महसूस किया है कि आज देश में अगर कोई असली मायने में संस्थागत राजनीतिक दल है तो भाजपा है। बाकी दल तो व्यक्ति विशेष और क्षेत्र के हो गए, लेकिन राष्ट्रीय दल के नाम पर भारत में कोई दल है तो भाजपा है। उन्होंने कहा कि हमारा देश जिन चुनौतियों का सामना कर रहा है, उसके लिए आज देशहित में कोई दल और कोई नेता सबसे उपयुक्त और मजबूती से खड़ा है, तो वो भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं।
सवाल ये है कि किस दल में जा रहा हूं…
जितिन प्रसाद ने कहा, ”मेरा कांग्रेस पार्टी से तीन पीढ़ियों का साथ रहा है। मैंने ये महत्वपूर्ण निर्णय बहुत सोच, विचार और मंथन के बाद लिया है। आज सवाल ये नहीं है कि मैं किस पार्टी को छोड़कर आ रहा हूं बल्कि सवाल ये है कि मैं किस पार्टी में जा रहा हूं और क्यों जा रहा हूं। कांग्रेस में मैं अपने लोगों की सेवा नहीं कर पा रहा था। मुझे उम्मीद है कि भाजपा के माध्यम से मैं लोगों की सेवा कर सकूंगा।”
प्रसाद ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी नि:स्वार्थ भाव से भारत की सेवा कर रहे हैं और सभी चुनौतियों का डट कर मुकाबला कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘वह जिस नए भारत का निर्माण कर रहे हैं उसमें मुझे भी छोटा सा योगदान आगे आने वाली पीढ़ियों के लिए करने को मिलेगा। यह विचार करके मैं आज इस निर्णय (भाजपा में शामिल होने के) पर पहुंचा हूं।’
प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस में रह कर वह जनता के हितों की रक्षा नहीं कर पा रहे थे इसलिए वहां बने रहने का कोई औचित्य नहीं था। उन्होंने कहा, ‘अब भाजपा वह माध्यम बनेगी। एक सशक्त संगठन और मजबूत नेतृत्व है यहां, जिसकी आज देश को जरूरत है। मैं इस वक्त ज्यादा बोलना नहीं चाहता, मेरा काम बोलेगा। अब मैं एक समर्पित कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा। जो उद्देश्य ‘सबका साथ, सबका विकास’ और ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का है उसको लेकर भाजपा के एक कार्यकर्ता के रूप में काम करूंगा।’
जितिन प्रसाद के पिछले लोकसभा चुनाव से ठीक पहले भी भाजपा में जाने की अटकलें थीं। कहा जाता है कि तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के मनाने पर प्रसाद ने उस वक्त भाजपा में जाने का फैसला त्याग दिया था।
बता दें कि जितिन प्रसाद उन 23 नेताओं में शामिल थे, जिन्होंने पिछले साल कांग्रेस में सक्रिय नेतृत्व और संगठनात्मक चुनाव की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखी थी।
पत्र से जुड़े विवाद को लेकर उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले की कांग्रेस कमेटी ने प्रस्ताव पारित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी, जिसे लेकर विवाद भी हुआ था। हालांकि बाद में प्रसाद ने कहा था कि उन्हें कांग्रेस के मौजूदा नेतृत्व में पूरा विश्वास है।
जितिन प्रसाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे जितेंद्र प्रसाद के पुत्र हैं जिन्होंने पार्टी में कई अहम पदों पर अपनी सेवाएं दी थीं। उन्होंने सोनिया गांधी के खिलाफ कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव भी लड़ा था।
जितिन प्रसाद ने 2004 में शाहजहांपुर से पहली बार लोकसभा का चुनाव जीता था और उन्हें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) सरकार में इस्पात राज्यमंत्री बनाया गया था। इसके बाद उन्होंने 2009 में धौरहरा सीट से जीत दर्ज की। इसके बाद उन्होंने यूपीए सरकार में पेट्रोलियम व प्राकृतिक गैस, सड़क परिवहन और राजमार्ग और मानव, संसाधन विकास राज्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली।