उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से यूपी में अलर्ट, योगी ने गंगा किनारे बसे जिलों के डीएम-एसपी को दिए निर्देश

उत्तराखंड में ग्लेशियर फटने से यूपी में अलर्ट, योगी ने गंगा किनारे बसे जिलों के डीएम-एसपी को दिए निर्देश

लखनऊ। उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी में ग्लेशियर फटने से आई बाढ़ को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंगा नदी के किनारे पड़ने वाले सभी जिलों के जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षकों को पूरी तरह मुस्तैद रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने प्रदेश के संबंधित विभागों और अफसरों को अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि स्थिति पर पूरी तरह नजर रखें और मुस्तैद रहें। हालात को देखते हुए एसडीआरएफ को भी अलर्ट किया गया है। मुख्यमंत्री योगी ने उत्तराखंड को हर प्रकार से सहयोग करने का भी निर्देश दिया है।

बता दें कि उत्तराखंड के चमोली जिले के रैनी में रविवार सुबह ग्लेशियर फट गया। बताया जा रहा है कि ग्लेशियर फटने से धौली नदी में बाढ़ आ गई है। इससे चमोली से हरिद्वार तक खतरा बढ़ गया है। वहीं, बिजनौर जनपद की सोशल मीडिया सेल द्वारा गंगा नदी में बाढ़ आने की संभावना जताई गई है। निर्देश जारी करते हुए कहा गया है कि गंगा नदी के आसपास ग्रामीणों को सूचित किया जाता है कि नदी के किनारे न जाएं और सतर्कता बरतें।

यूपी में गंगा किनारे वाले जिलों उन्नाव, कन्नौज, बिजनौर, फतेहगढ़, प्रयागराज, कानपुर, मिर्जापुर, गढ़मुक्तेश्वर, गाजीपुर व वाराणसी में हाई अलर्ट जारी किया गया है। अलर्ट का आदेश आते ही गंगा किनारे बसे गांव का अधिकारियों ने दौरा शुरू किया। बताया जा रहा है कि शाम तक गंगा में कई लाख क्यूसेक पानी बढ़ सकता है। बताते चलें कि जोशीमठ में ग्लेशियर फटने से डैम टूट गया है जिससे धौली नदी में बाढ़ आ गई है। हादसे में कई लोग बह गए हैं।

इसके अलावा, चमौली जिले में ग्लेशियर फटने के बाद बिजनौर प्रशसन सतर्क हो गया है। खासतौर पर गंगा के आसपास के इलाकों में रह रहे लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। लोगों को नदियों से दूर रहने की सलाह दी गई है।

चमोली जिले के नदी किनारे की बस्तियों को पुलिस लाउडस्पीकर से अलर्ट कर रही है। कर्णप्रयाग में अलकनंदा नदी किनारे बसे लोग मकान खाली कर रहे हैं। ऋषि गंगा और तपोवन हाईड्रो प्रोजेक्ट पूरी तरह ध्वस्त हो गया है। सभी थानों और नदी किनारे बसी आबादी को सतर्क रहने के निर्देश दिए गए हैं। ऋषिकेश में भी अलर्ट जारी किया गया है। नदी से बोट संचालन और राफ्टिंग संचालकों को तुरंत हटाने के निर्देश  दिए गए हैं। प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है।

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