नई दिल्ली। भारतीय सेना की कोशिश है ज्यादा से ज्यादा खरीद स्वदेशी कंपनियों से ही हो। ऐसा नहीं है कि विदेशों से खरीद बिलकुल बंद कर दी गई है। सेना की ताकत को बढ़ाने के लिए अगर जरूरी है तो वह खरीद विदेशों से की जा सकती है। उसी के तहत थल सेना ने अपने एवियेशन कोर के लिए दुनिया के सबसे ताकतवर अटैक हेलिकॉप्टर एएच 64 अपाचे खरीद की है। भारतीय थलसेना का इंतजार लंबा हुआ जा रहा है। हेलिकॉप्टर की डिलिवरी अब तक नहीं हुई। अमेरिका ने डिलिवरी की डेडलाइन फिर से मिस कर दी।
साल 2024 की फरवरी में पहली डेडलाइन थी जो जून जुलाई तक बढ़ गई। फिर यह डेडलाइन दिसंबर तक पहुंच गई।अब दिसंबर भी चली गई साल 2025 शुरू हो गया लेकिन हेलिकॉप्टर ना आया। साल 2024 की जनवरी में ही टाटा एडवांसड सिस्टम लिमिटेड और बोईग के ज्वाइंट वेंचर टाटा बोईंग एरोस्पेस लिमिटेड ने सेना के पहले अपाचे का फ्युसलेज यानी की फ्रेम सेना को हैंडओवर किया था। यह फैसेलिटी हैदराबाद में स्थित है। इसके बाद इसे अमेरिका के एरिजोना में बोईंग की फैसिलिटी में भेजा गया जहां दुनिया की तमाम आधुनिक तकनीक और वेपन सिस्टम से लेस कर के थलसेना को सौंप जाना है। इस फैसेलिटी ने अब तक 250 से ज्यादा फ्यूसलेज डिलिवर कर चुकी है।
अपाचे अटैक हेलिकॉप्टर दुनिया के सबसे ताकतवर हेलिकॉप्टर में शुमार है। इसका इस्तेमाल अफगानिस्तान और इराक सहित कई अन्य कॉंफ्लिक्ट में किया गया है। दो सीट वाले इस हेलिकॉप्टर से हैलिफायर और स्ट्रिंगर मिसाइल दागी जा सकती है। हेलिकॉप्टर में आगे की तरफ एक सेंसर फिट है जिससे यह रात के अंधेरे में भी आसानी के किसी भी अटैक ऑप्रेशन को अंजाम दे सकता है। यह 365 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ान भरते हुए ये किसी भी मौसम और टेरेन में फुल लोड के साथ अटैक कर सकता है। भारतीय सेना के ए