हॉकी में मिला कांस्य, स्वर्ण के बराबर है : संदीप सिंह

हॉकी में मिला कांस्य, स्वर्ण के बराबर है : संदीप सिंह

नई दिल्ली, । हरियाणा के खेल मंत्री संदीप सिंह का कहना है कि टोक्यो ओलंपिक में भारतीय पुरुष हॉकी टीम को मिला कांस्य पदक स्वर्ण लाने से कम नहीं है क्योंकि इससे लंबे समय की उम्मीद पूरी हुई है।

हरियाणा सरकार 13 अगस्त को अपने एथलीटों के लिए एक कार्यक्रम आयोजित करेगी जिसमें टोक्यो ओलंपिक में पदक जीतने वाले और बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों का सम्मान किया जाएगा।

संदीप ने कहा, “हम 13 अगस्त को एक कार्यक्रम आयोजित करेंगे जिसमें हमारे राज्य के एथलीट जो ओलंपिक में गए थे उनका ईनामी राशि और पद से सम्मान किया जाएगा।”

हरियाणा ने पहले ही स्वर्ण पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा को छह करोड़ रूपये, रजत पदक जीतने वाले पहलवान रवि दहिया को चार करोड़ रूपये और कांस्य पदक विजेता पुरुष हॉकी टीम में शामिल राज्य के खिलाड़ियों को ढाई-ढाई करोड़ रूपये देने का ऐलान किया था।

इसके अलावा हरियाणा ने भारतीय महिला हॉकी टीम में शामिल राज्य के खिलाड़ियों को 50-50 लाख रूपये देने की घोषणा की है जो ओलंपिक में चौथे स्थान पर रही थी।

संदीप ने कहा, “हम न सिर्फ बताई गई पॉलिसी के मुताबिक पैसा दे रहे हैं बल्कि पॉलिसी से बाहर भी ईनाम दे रहे हैं। हम सिर्फ विजेताओं का ही सम्मान नहीं कर रहे हैं, हम सभी प्रतिभागियों को सम्मानित करेंगे। हम ओलंपिक के लिए जाने वाले राज्य के सभी खिलाड़ियों को 15-15 लाख रूपये देंगे।”

उन्होंने कहा, “हमारे एथलीटों के लिए, कोविड -19 से पार पाकर और 2020 तथा 2021 के दौरान अपनी तैयारी को जारी रखकर खुद को शिखर पर पहुंचना बड़ी बात है।”

35 वर्षीय पूर्व भारतीय हॉकी खिलाड़ी ने कहा कि राज्य लंबे समय से खेल में निवेश कर रहा है और आने वाले समय में भी ऐसा करता रहेगा।

संदीप ने कहा, “हरियाणा सभी खेलों में आगे है। इसने हर खेल में सुविधा दी है। सबसे महत्वपूर्ण बात है कि इससे अंतत: भारत को लाभ होता है।”

उन्होंने कहा, “जो पदक हमने जीते हैं वो दिख रहे हैं लेकिन जो अप्रत्यक्ष है वो यह कि हरियाणा लंबे समय से क्या कर रहा है। अगर हम नतीजे देखें तो हरियाणा पदक तालिका में सबसे आगे है। खेल राज्य में लगातार विकसित होगा जिससे हमारे पास नए टेलेंट आएंगे।”

संदीप ने भारतीय पुरुष हॉकी टीम के कांस्य जीतने को स्वर्ण के बराबर ही माना।

संदीप ने कहा, “हम घर में 2010 में राष्ट्रमंडल खेलों में खेले थे। उस वक्त की निराशा अब खत्म हुई है। मेरे लिए यह कांस्य नहीं स्वर्ण है क्योंकि हॉकी टीम ने वो किया है जिसके लिए पूरा देश वर्षो से उम्मीद कर रहा था।”

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