नई दिल्ली, | भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि अजिंक्य रहाणे शांत स्वभाव के हैं और उनके इस स्वभाव से उनकी कमजोरी उजागर नहीं होनी चाहिए। उन्होंने साथ ही कहा कि रहाणे भी कप्तान कोहली की तरह ही बतौर कप्तान आक्रामक होते हैं।
32 वर्षीय रहाणे नियमित कप्तान विराट कोहली की गैर मौजूदगी में आस्ट्रेलिया के खिलाफ जारी चार मैचों की टेस्ट सीरीज के बाकी बचे तीन मैचों में भारतीय टीम की कप्तानी करेंगे क्योंकि कोहली अपने पहले बच्चे के जन्म के कारण स्वदेश लौट आए हैं।
रहाणे का कप्तान के रूप में शतप्रतिशत रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने अब तक दो टेस्ट मैचों की भारत की कप्तानी की है और दोनों में भारत ने जीत दर्ज की है। ये दोनों मैच उन्होंने 2017 में धर्मशाला में आस्ट्रेलिया के खिलाफ ही जीता था।
तेंदुलकर ने कहा, “अजिंक्य पहले भी भारत की कप्तानी कर चुके हैं और उनके शांत रहने का मतलब यह नहीं है कि वे आक्रामक नहीं है। आक्रामकता दिखाने का हर किसी का अपना अलग-अलग तरीका होता है। कोई आक्रामकता नहीं दिखाता है, तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आक्रामक नहीं है। उदाहरण के लिए चेतेश्वर पुजारा-वह काफी शांत स्वभाव के हैं। लेकिन उनकी शारीरिक भाषा खेल पर होती है। इसका मतलब यह नहीं कि पुजारा किसी से कम है।”
47 वर्षीय तेंदुलकर ने कहा कि कप्तान के रूप में रहाणे की रणनीति कोहली से अलग हो सकती है, लेकिन उनका और उनकी टीम का एक ही लक्ष्य होगा-मैच जीतना।
उन्होंने कहा, ” प्रत्येक व्यक्ति के पास प्रतिक्रिया देने और स्थितियों पर प्रतिक्रिया करने का अपना तरीका है, लेकिन मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि आपकी मंजिल एक है। उनके पास वहां पहुंचने के लिए अलग-अलग रास्ते हैं और यह है कि वे भारत को कैसे जीत दिला सकते हैं। इसलिए, अजिंक्य की अगल शैली और अलग रणनीति होगी। यह टीम प्रबंधन पर निर्भर करता है कि वे कैसे योजना बनाते हैं और कैसे उसे लागू करते हैं।”
रहाणे ने पहले टेस्ट की पहली पारी में 42 रन बनाए थे जबकि दूसरे टेस्ट में वह खाता भी नहीं खोल सके थे। हालांकि तेंदुलकर को उम्मीद है कि रहाणे अपनी के जरिए टेस्ट सीरीज में सफल होंगे।
तेंदुलकर ने कहा, ” वह अनुभवी खिलाड़ी हैं। वह काफी लंबे समय से हैं और विदेशों में उन्होंने अच्छे रन बनाए हैं। यह केवल क्रीज पर समय बिताने की बात है। मुझे लगता है कि उनके अंदर दबाव को झेलने की क्षमता है और वो ऐसा कर सकते हैं।”