अहमदाबाद, | भारतीय कप्तान विराट कोहली ने मंगलवार को कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ यहां मोटेरा के सरदार पटेल स्टेडियम में होने वाले डे-नाइट टेस्ट मैच में मेजबान टीम के ऊपर एडिलेड डे-नाइट टेस्ट मैच के प्रदर्शन का प्रभाव नहीं पड़ेगा, जहां भारतीय टीम दूसरी पारी में केवल 36 रन पर ढेर हो गई थी। कोहली के नेतृत्व वाली टीम इंडिया इस टेस्ट के माध्यम से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप (डब्ल्यूटीसी) के फाइनल में पहुंचने के दावे को मजबूत करना चाहेगी। भारत का वैसे यह तीसरा डे-नाइट टेस्ट है। भारत ने दो मैच घर में और एक बाहर खेला है।
भारत और इंग्लैंड के बीच चार मैचों की टेस्ट सीरीज का तीसरा मुकाबला डे-नाइट होगा और इसे गुलाबी गेंद से खेला जाएगा।
कोहली ने साथ ही कहा कि इंग्लैंड की टीम भी अपने पिछले डे-नाइट टेस्ट में 2018 में ऑकलैंड में न्यूजीलैंड के खिलाफ अपनी पहली पारी में केवल 58 रन पर ही सिमट गई थी।
कोहली ने मैच की पूर्वसंध्या पर संवाददाता सम्मेलन में कहा, ” दोनों क्वालीटी टीमों के पास कुछ अलग अनुभव रहे हैं। अगर आप यही सवाल इंग्लैंड से पूछते हैं तो क्या आप सोच सकते हैं कि वे 50 पर आलआउट हो सकते थे। संभवत : आपका जवाब नहीं होगा। आप समझ सकते हैं कि किसी खास दिन ऐसी चीजें होती रहती है।”
उन्होंने कहा, “आप जो भी करने की कोशिश करते हैं तो ऐसा लगता है कि यह आपके नियंत्रण से बाहर होगा। उस टेस्ट मैच में अगर आप उस 45 मिनट को छोड़ दें तो हमने टेस्ट मैच में अपना दबदबा बनाया था। हम इस बात को लेकर आश्वस्त हैं कि पिंक बॉल टेस्ट में हमें कैसे खेलना है। यहां तक के आस्ट्रेलिया में भी, जहां की पिचें तेज गेंदबाजों को मदद कर रही थी, हमने मेलबर्न में जीत दर्ज की।”
कोहली को लगता है कि इस पिच पर स्पिनर अपनी भूमिका निभाएंगे, लेकिन साथ ही तेज गेंदबाजों को भी नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है।
उन्होंने कहा, ” निश्चित रूप से स्पिनर अपनी भूमिका में होंगे। लेकिन मुझे नहीं लगता है कि नई गेंद और तेज गेंदबाजों को नजरअंदाज किया जा सकता है। पिंक बॉल तब तक उनको मैच में बनाए रखता है जब तक कि गेंद चमकती रहती है। यह कुछ ऐसा है, जिससे हम अवगत हैं।”