कोलकाता। बीसीसीआई के मुखिया और पूर्व भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली की तबीयत आज फिर बिगड़ गई। इस बार उन्हें वुडलैंड्स अस्पताल की बजाय कोलकाता के अपोलो अस्पताल में भर्ती कराया गया है। सूत्रों के मुताबिक, गांगुली ने फिर से सीने में दर्द की शिकायत की। बीते शुक्रवार यानी 22 जनवरी को सौरव के बड़े भाई स्नेहाशीष गांगुली की भी एंजियोप्लास्टी हुई थी।
इसी माह की शुरुआत में जिम में कसरत के दौरान ‘हल्के’ दिल के दौरे के बाद उन्हें दो जनवरी को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां बाद में उनकी सफल एंजियोप्लास्टी हुई थी। तब सूबे की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल जगदीप धनखड़, केंद्रीय राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर समेत कई हस्तियों ने ‘दादा’ से मिलकर हाल-चाल जाना था।
डॉक्टर्स की देखरेख में थे दादा
7 जनवरी को अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की थी। साथ ही साथ बेहतर सुविधाओं के लिए डॉक्टर्स और स्टाफ का धन्यवाद किया था। लगभग हफ्ते भर अस्पताल में रहने के बाद 48 वर्षीय गांगुली घर में आराम कर रहे थे। घर जाने के बाद भी वह मेडिकल टीम से संपर्क में थे। हृदय तक जाने वाली उनकी तीन प्रमुख धमनियों में रुकावट पाई गई थी, उन्हें एक स्टेंट डाला गया था। एक से दो हफ्ते के बीच में दादा की एक और एंजियोप्लास्टी होने की भी खबर थी।
गांगुली बीसीसीआई के 39वें अध्यक्ष
सौरव ने सीके खन्ना की जगह ली थी, जो 2017 से बोर्ड के अंतरिम प्रमुख थे। गांगुली का कार्यकाल शुरुआत में नौ माह का था, लेकिन वह और बोर्ड के सचिव जय शाह अपने पद पर बरकरार हैं। सुप्रीम कोर्ट में अगले माह इस मामले की सुनवाई होनी है। गांगुली उस समय बीमार पड़े, जब इस साल अप्रैल-मई में होने वाले पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनावों से पहले उनके राजनीति में उतरने को लेकर बाजार गरम है। राज्य के राजनीतिक जगत से जुड़े लोगों के अनुसार गांगुली भारतीय जनता पार्टी से जुड़ सकते हैं। इस पूर्व बल्लेबाज ने हालांकि राजनीति में आने को लेकर कभी अपने इरादे जाहिर नहीं किए।