हितधारकों ने कहा, क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार हमारी बातें जरूर सुनेगी

हितधारकों ने कहा, क्रिप्टोकरेंसी पर सरकार हमारी बातें जरूर सुनेगी

नई दिल्ली, | केंद्र सरकार मौजूदा बजट सत्र में क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने और नई आधिकारिक डिजिटल करेंसी के नियमन के लिए प्रस्तावित विधेयक लाने पर विचार कर रही है। इसके मद्देनजर उद्योग जगत से जुड़े हितधारकों (स्टेकहोल्डर्स) ने उम्मीद जताई है कि इस बाबत कोई भी निर्णय करने से पहले सरकार उनकी बातों पर जरूर गौर करेगी। संसद के मौजूदा बजट सत्र में सरकार के एजेंडे पर 38 विधेयक हैं। इनमें क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने और नई आधिकारिक डिजिटल करेंसी के नियमन के लिए प्रस्तावित विधेयक भी शामिल हैं। इस सत्र में चार अध्यादेशों की जगह विधेयक लाए जाएंगे। इनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में व आसपास वायु गुणवत्ता तथा जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2021 शामिल हैं।

साथ ही, डीएनए टेक्नोलॉजी रेगुलेशन विधेयक, वरिष्ठ नागरिकों एवं अभिभावकों की देखभाल से जुड़ा विधेयक, बांध सुरक्षा विधेयक और गर्भपात से जुड़ा विधेयक भी इस सत्र में पेश किया जाएगा।

बहरहाल, इस बजट सत्र में ‘क्रिप्टोकरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ पेश किया जाएगा। इससे बिटकॉइन जैसी डिजिटल करेंसी पर प्रतिबंध लगाने और रिजर्व बैंक की ओर से आधिकारिक डिजिटल करेंसी जारी करने का मार्ग प्रशस्त हो जाएगा।

‘क्रिप्टोकरेंसी ऐंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिसियल डिजिटल करेंसी बिल, 2021’ में देश में सभी डिजिटल करेंसी को प्रतिबंधित करने और आधिकारिक डिजिटल करेंसी के लिए फ्रेमवर्क तैयार करने की बात है।

कॉइनडीसीएक्स के सह-संस्थापक एवं चीफ एग्जिक्यूटिव सुमित गुप्ता ने कहा कि चूंकि सरकार संसद के इसी सत्र में यह बिल लाने पर विचार कर रही है, इसलिए हमें यह पूरा भरोसा है कि कोई भी फैसला लेने से पहले सरकार सभी हितधारकों की बातों को जरूर सुनेगी।

गौरतलब है कि 2019 में एक सरकारी पैनल ने सभी क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित करने और इनमें लेनदेन करने वालों के लिए 10 साल की जेल व भारी जुर्माने की सिफारिश की थी। पैनल ने रिजर्व बैंक के नियंत्रण में आधिकारिक डिजिटल करेंसी लांच करने का सुझाव भी दिया था, ताकि अन्य बैंक इसे नोट की तरह इस्तेमाल कर सकें।

हालांकि अभी कई देश क्रिप्टोकरेंसी के रेगुलेशन पर विचार तो कर रहे हैं, लेकिन अब तक किसी ने भी इस दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।

बहरहाल, गुप्ता ने अपने बयान में कहा कि इस सिलसिले में हम अन्य हितधारकों से भी बात कर रहे हैं। इस बाबत हम निश्चित रूप से सरकार से गहन वार्ता करेंगे और यह दिखाने की कोशिश करेंगे कि हम सब मिलकर कैसे एक स्वस्थ इकोसिस्टम तैयार कर सकते हैं।

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