देश के सबसे बड़े औद्योगिक घराने टाटा ग्रुप पर नियंत्रण रखने वाले टाटा ट्रस्ट्स ने एक स्पेशल एग्जीक्यूटिव कमेटी का गठन किया है। इस कमेटी का चेयरमैन रतन टाटा को बनाया गया है, जबकि इसमें कंपनी से जुड़े कई बड़े नाम और शामिल हैं। कंपनी से जुड़े सभी जरूरी और बड़े फैसले अब यही कमेटी करेगी। सूत्रों के अनुसार टाटा ट्रस्ट्स की इस स्पेशल एग्जीक्यूटिव कमेटी के वाइस चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और विजय सिंह हैं जबकि इसमें ट्रस्टी मेहली मिस्त्री को भी शामिल किया गया है। सूत्रों के अनुसार इस कमेटी को बनाने का मकसद रोजमर्रा के काम पर तेजी से फैसले लेना है, ताकि हर निर्णय पर पूरे बोर्ड से रजामंदी लेने की जरूरत ना पड़े। टाटा ग्रुप से जुड़े अलग-अलग ट्रस्टों में कुल 18 ट्रस्टी हैं। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी है टाटा संस, जिसमें टाटा ट्रस्ट्स की कंट्रोलिंग अथॉरिटी है। ऐसे में टाटा संस और ओवरऑल टाटा ग्रुप के अहम निर्णय लेने में टाटा ट्रस्ट्स की ही भूमिका रहती है। इसके अलावा टाटा संस में कई अलग-अलग ट्रस्टी की भी हिस्सेदारी है। टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस में 66 प्रतिशत हिस्सेदारी टाटा ट्रस्ट्स के पास है। टाटा ट्रस्ट्स एक कल्याणकारी ट्रस्ट है जिसमें टाटा परिवार के सदस्य शामिल हैं। इसमें टाटा परिवार के सदस्यों से जुड़े कई अन्य ट्रस्ट शामिल हैं। सबसे बड़े ट्रस्ट सर दोराबजी टाटा ट्रस्ट ओर सर रतन टाटा ट्रस्ट हैं। टाटा ट्रस्ट्स के प्रमुख मौजूदा समय में 87 साल के रतन टाटा हैं। वह टाटा संस के मानद चेयरमैन भी हैं।
