पूरे देश में सामान्य से अधिक मानसूनी बारिश के कारण दालों की बुआई का रकबा करीब 8 प्रतिशत बढ़कर 127.77 लाख हेक्टेयर (17 सितंबर तक) हो गया है, जो कि पिछले साल समान अवधि में 118.43 लाख हेक्टेयर था। केंद्र सरकार की ओर से इसकी जानकारी दी गई। जानकारी के मुताबिक, इस साल 2 सितंबर तक खरीफ की फसलों की बुआई 1,096 लाख हेक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान अवधि में आंकड़ा 1,087.33 लाख हेक्टेयर था। इस साल धान की बुआई 410 लाख हेक्टेयर में हुई है, यह आंकड़ा पिछले साल समान अवधि में 393.57 लाख हेक्टेयर था।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी डेटा के मुताबिक, मोटे अनाज की बुआई 189.67 लाख हेक्टेयर में हुई है। पिछले साल समान अवधि में यह आंकड़ा 183.11 लाख हेक्टेयर था। इस साल तिलहन की बुआई का क्षेत्रफल 190.37 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 193.32 लाख हेक्टेयर हुआ है। वहीं, गन्ने की बुआई 57.68 लाख हेक्टेयर में हुई है, पिछले साल समान अवधि में गन्ने की बुआई 57.11 लाख हेक्टेयर में हुई थी। 2024 में अब तक अच्छे मानसून के कारण धान की बुआई पिछले पांच वर्ष के औसत को पार कर चुकी है।
बुआई का क्षेत्रफल बढ़ने की मुख्य वजह देश में अच्छे मानसून का होना है, जिसके कारण देश के असिंचित इलाकों में बुआई क्षेत्रफल बढ़ा है। यह देश के कुल कृषि भूमि का 50 प्रतिशत है। कृषि और उससे जुड़े हुए सेक्टर पर केंद्र सरकार की ओर से लगातार ध्यान दिया जा रहा है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की ओर से वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में 1.52 लाख करोड़ रुपये कृषि और उससे जुड़े सेक्टर में उत्पादन बढ़ाने के लिए आवंटित किए गए थे।