मुंबई। कोरोनावायरस महामारी के समय में देश में प्रॉपर्टी की कीमतों में गिरावट देखी गई और इस तरह से भारत वैश्विक घरेलू मूल्य सूचकांक में 12 स्थानों की गिरावट के साथ साल 2021 की पहली तिमाही में 55 वें स्थान पर आ गया है। इसका खुलासा नाइट फ्रैंक के ग्लोबल हाउस प्राइस इंडेक्स में हुआ है। साल 2020 की पहली तिमाही में प्रॉपर्टी की कीमतों के मामले में भारत 43 वें स्थान पर था।
नाइट फ्रैंक ने अपने एक बयान में कहा है कि भारत में घर की कीमतों में साल-दर-साल के आधार पर 1.6 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि 6 महीने (साल 2020 की तीसरी तिमाही से लेकर 2021 की पहली तिमाही तक) और 3 महीने (साल 2020 की चौथी तिमाही से लेकर 2021 की पहली तिमाही तक) में आए परिवर्तनों की बात करें, तो भारत में आवासीय कीमतों में क्रमश: 0.6 फीसदी और 1.4 फीसदी की बढ़ोत्तरी देखी गई है।
रिपोर्ट से पता चला है कि अमेरिका ने साल 2005 के बाद से सर्वाधिक वार्षिक मूल्य वृद्धि दर देखी है, जिसमें सालाना 13.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। साल-दर-साल के आधार पर तुर्की कीमतों में सालाना 32 प्रतिशत की वृद्धि के साथ वार्षिक रैंकिंग का नेतृत्व कर रहा है। इसके बाद न्यूजीलैंड 22.1 प्रतिशत की वृद्धि के साथ दूसरे स्थान पर और लक्जमबर्ग कीमतों में 16.6 प्रतिशत की वृद्धि के साथ तीसरे स्थान पर मौजूद है।
साल 2021 की पहली तिमाही में स्पेन का प्रदर्शन सबसे कमजोर रहा है। यहां घर की कीमतों में 1.8 प्रतिशत तक की गिरावट आई, इसके बाद भारत दूसरे स्थान पर है, जहां 1.6 प्रतिशत की गिरावट आई।