भोपाल। मध्य प्रदेश समर्थन मूल्य पर गेहूॅ खरीदी के मामले में इतिहास रचने वाला है। वजह है कि अन्य गेहूं उत्पादक राज्य पजाब में किसान आंदोलन। राज्य में किसानों के पंजीयन का काम पूरा हो चुका है और इंदौर व उज्जैन के अलावा पूरे राज्य में गेहूं उपार्जन का काम एक अप्रैल से शुरु होगा। राज्य में किसानों के लिए ई-उपार्जन पोर्टल पर पंजीयन की व्यवस्था की गई है। पोर्टल पर 21 लाख से अधिक किसानों ने पंजीयन करवाया है। पंजीयन का कार्य प्रदेश के 3518 केन्द्रों पर किया गया। साथ ही गिरदावरी किसान ऐप, कॉमन सर्विस सेंटर और कियोस्क केन्द्रों पर भी किसानों को पंजीयन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई। उपार्जन व्यवस्थाओं में यह प्रयास भी किया गया कि कोई भी किसान पंजीयन से वंचित न रहे।
राज्य में रबी विपणन वर्ष 2020-21 में समर्थन मूल्य पर एक करोड़ 29 लाख मीट्रिक टन गेहूं उपार्जन का जो इतिहास रचा गया, उसे इस बार भी दोहराने की कोशिश की जा रही है। इस बार देश के कई हिस्सों में किसान आंदोलन चल रहा है और सरकारी स्तर पर समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी प्रभावित हो सकती है। इनमें सबसे प्रमुख है पंजाब। लिहाजा राज्य को यह उम्मीद है कि इस बार नया कीर्तिमान बनाया जा सकता है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस वर्ष भी प्रदेश के 4,500 खरीदी केन्द्रों पर गेहूं उपार्जन का कार्य किया जाएगा। खरीदी कार्य में स्व-सहायता समूहों, एफपीयू और एफपीसी को भी शामिल किया गया है। समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी के साथ उसके भंडारण और परिवहन की पुख्ता व्यवस्था की जा रही है। उपार्जन केन्द्रों पर गेहूं खरीदी का कार्य मार्च माह से शुरू किया जाएगा। इसके लिये तय किया गया है कि इंदौर और उज्जैन में 22 मार्च से और शेष अन्य जिलों में एक अप्रैल से गेहूं उपार्जन शुरू किया जाएगा। इस वर्ष लगभग एक करोड़ 25 लाख मीट्रिक टन गेहूं और 20 लाख मीट्रिक टन दलहन एवं तिलहन उपार्जन का अनुमान है। उपार्जित स्कन्धों के शीघ्र परिवहन एवं भंडार की व्यवस्थाएं भी सुनिश्चित की जा रही हैं।
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के निर्माण में कृषि क्षेत्र की अहम भूमिका है। कृषि क्षेत्र में आत्म-निर्भरता के लिये प्रदेश के किसानों के हित में खेती को लाभ का धंधा बनाने और किसानों की आय को दोगुना करने के लिये अनेक नवाचार किये गये हैं। राज्य सरकार लगातार प्रयास कर रही है कि कृषि का उत्पादन बढ़े, लागत कम हो और किसानों को अधिक से अधिक लाभ मिले।
ज्ञात हो कि इस बार बीते साल के मुकाबले 50 रुपए से अधिक पर समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी की जानी है। बीते साल जहां गेहूं 1925 रुपए क्विंटल खरीदा गया था, वहीं इस साल 50 रुपए अधिक यानी 1975 रुपए प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाने वाला है।
राज्य किसानों को आर्थिक रूप से संबल प्रदान करने के लिए मुख्यमंत्री किसान कल्याण योजना भी शुरू की गई। इस योजना में अब तक 57 लाख 50 हजार से अधिक पात्र किसानों को दो-दो हजार के मान से लगभग 1150 करोड़ रुपए का भुगतान ऑनलाईन किया गया है। इसके अलावा किसानों को प्रधानमंत्री सम्मान निधि का लाभ भी प्रतिवर्ष प्रति किसान छह हजार रुपए पहले से मिल रहा है।