व्रत के कायदे: एकादशी पर चावल खाने से रखें परहेज, जानिए इस दिन क्या करें और क्या नहीं

व्रत के कायदे: एकादशी पर चावल खाने से रखें परहेज, जानिए इस दिन क्या करें और क्या नहीं

हर महीने में 2 बार का एकादशी का व्रत आता है। इस बार अप्रैल माह की दूसरी एकादशी 23 अप्रैल को होगी। इस शुभ तिथि पर व्रत व भगवान विष्णु की पूजा करने का विशेष महत्व है। मगर इस व्रत को करने के पहले कुछ नियमों का पता होना बेहद जरूरी है। ताकि व्रत का पूरा फल मिल सके। विष्णु पुराण और धर्मसिंधु ग्रंथ में इस तिथि में कुछ चीजें खाने व काम करने की मनाही होती है। तो चलिए आज हम आपको बताते हैं कि एकादशी व्रत से जुड़े कुछ नियम बताते हैं…

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क्या खाएं और क्या नहीं

– एकादशी के दिन चावल खाने से परहेज़ रखें। विष्णु पुराण के अनुसार, इस दिन चावल का सेवन करने से पाप लगता है। असल में चावल हविष्य अन्न यानी देवताओं का भोजन कहलाता है।

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– इस दिन जौ, मसूर की दाल, बैंगन और सेमफली आदि का भी सेवन ना करें।

– एकादशी के दिन किसी अन्य व्यक्ति द्वारा दिया अन्न भी ग्रहण न करें। कहते हैं कि इससे पुण्य नष्ट हो जाता है।

– इस शुभ दिन पर मांस, मदिरा, प्याज़, लहसुन जैसी तामसी चीजें खाने की गलती ना करें।

– एकादशी पर भगवान श्रीहरि को मीठा पान चता है। ऐसे में इसका खुद सेवन करने से परहेज़ रखें।

क्या करें और क्या नहीं

– एकादशी के दिन घर पर झाड़ू लगाने से बचें।‌ असल में, झाड़ू मारने से जमीन पर मौजूद चींटियां व सूक्ष्म जीव मर जाते हैं। ऐसा करने से पाप लगता है। इसलिए एकादशी व्रत के एक दिन पहले ही घर की सफाई कर लें।‌ साथ ही सफाई सूर्यास्त से पहले करें।

– इस दिन फूलों व पत्तों को तोड़ने से बचें। कोशिश करें कि भगवान विष्णु जी चढ़ाने वाला तुलसी का पत्ता एक दिन पर पहले ही तोड़ लें।

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– इस दिन दाढ़ी, बाल व‌ नाखून ना कांटें। साथ ही ब्राह्मर्च व्रत का पालन करें।

– एकादशी के दिन अपने गुस्से पर नियंत्रण रखें। किसी भी तरह का झगड़ा व विवाद करने की भूल ना करें।

– किसी की बुराई या अपमान करने की गलती न। साथ ही झूठ बोलने से बचें। अपना सारा समय भगवान श्रीहरि की पूजा में लगाएं।

– एकादशी व्रत में रात को सोने कुछ जगह पूरी रात जागकर भगवान विष्णुजी का भजन-कीर्तन करें। इससे भगवान विष्णु की असीम कृपा बरसेगी।

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