राममंदिर के इतिहास से रूबरू होगी भावी पीढ़ी : चंपत राय

राममंदिर के इतिहास से रूबरू होगी भावी पीढ़ी : चंपत राय

अयोध्या, | श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास की सच्चाइयों से रूबरू कराने की योजना बनी है। चंपत राय शुक्रवार को लखनऊ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि राममंदिर निर्माण के लिए अब देशभर में संपर्क अभियान चलाया जाएगा, जिसमें जन्मभूमि के इतिहास के बारे में लोगों को बताया जाएगा। कहा कि देश की कम से कम आधी आबादी को श्रीराम जन्मभूमि मंदिर की ऐतिहासिक सच्चाई से अवगत कराने के लिए देश के प्रत्येक कोने में घर-घर जाकर संपर्क किया जाएगा। इसके अलावा समाज को राम जन्मभूमि के बारे में पढ़ने के लिए साहित्य दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि, “राममन्दिर के लिए बहुत शीघ्र नीव का प्रारूप तैयार होकर नीव निर्माण कार्य प्रारम्भ होगा। भारत वर्ष की वर्तमान पीढ़ी को इस मंदिर के इतिहास की सच्चाइयों से अवगत कराने की योजना बनी है। राममंदिर निर्माण के लिए जन-जन की सहभागिता भी तय की जा रही है। अयोध्या में भगवान श्रीराम के भव्य मंदिर के निर्माण में मंदिर से आमजन के स्वेच्छा से जुड़ने का अभियान 14 जनवरी यानी मकर संक्रांति से होगा।”

चंपत राय ने बताया कि, “अयोध्या में समाज के सहयोग से श्रीराम जन्मभूमि मंदिर का निर्माण साकार होगा। धर्म, मर्यादा, चरित्र, संस्कार के स्वरूप श्री राम के इस मंदिर से प्रत्येक व्यक्ति को स्वेच्छा से जुड़ने का अभियान मकर संक्रांति से प्रारंभ होगा, जो माघ पूर्णिमा तक चलेगा। इस अभियान के तहत घर-घर जा के लोगों से सहयोग मांगने के कार्य के पीछे निहितार्थ यह है कि श्री राम के काज से हर एक व्यक्ति को जुड़ने का सौभाग्य प्राप्त हो।”

उन्होंने कहा कि, “आप सब जानते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि मंदिर से जुड़ी इतिहास की सच्चाइयों को सर्वोच्च अदालत ने स्वीकार किया। उसके निर्देश पर भारत सरकार ने श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण के लिए श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गठित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पांच अगस्त को अयोध्या में भूमि पूजन करके मंदिर निर्माण की प्रक्रिया को गति प्रदान की है।”

चंपत राय ने कहा कि, “आप इन तथ्यों से परिचित ही हैं कि मंदिर के वास्तु का दायित्व अहमदाबाद के चंद्रकान्त सोमपुरा जी पर है। वह वर्ष 1986 से जन्मभूमि मंदिर निर्माण की देखभाल कर रहे हैं। इसके साथ ही साथ लार्सन एंड टुब्रो कम्पनी को मंदिर निर्माण का कार्य दिया गया है, जबकि निर्माता कंपनी के सलाहकार के रूप में ट्रस्ट ने टाटा कंसल्टेंट इंजीनियर्स को चुना है। संपूर्ण मंदिर पत्थरों से बनेगा। तीन मंजिला मंदिर में प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट होगी, मंदिर की लंबाई 360 तथा चौड़ाई 235 फीट है। मंदिर का फर्श भूतल से 16.5 फीट ऊंचाई पर बनेगा। भूतल से गर्भ गृह के शिखर की ऊंचाई 161 फीट होगी। इसकी मजबूती के लिए धरती के नीचे 200 फीट गहराई तक मृदा परीक्षण तथा भविष्य के सम्भावित भूकम्प के प्रभाव का अध्ययन हुआ है। जमीन के नीचे 200 फीट तक भुरभुरी बालू मिली है। गर्भगृह के पश्चिम में कुछ दूरी पर ही सरयू नदी का प्रवाह है। इस भौगोलिक परिस्थिति में 1000 वर्ष आयु वाले पत्थरों के मंदिर का भार सहन कर सकने वाली मजबूत व टिकाऊ नीव की ड्राइंग पर आईआईटी मुम्बई, दिल्ली, चेन्नई व गुवाहाटी की टीमों के साथ केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान रुड़की, लार्सन टूब्रो तथा टाटा के इंजीनियर तैयार कर रहे हैं।”

चंपत राय ने कहा कि, “अरुणाचल प्रदेश, नगालैंड, अंडमान निकोबार, कच्छ तथा त्रिपुरा सभी कोनों पर जाएंगे। समाज को राम जन्मभूमि के बारे में पढ़ने के लिए साहित्य दिया जाएगा। जिस प्रकार जन्मभूमि को प्राप्त करने के लिए करोड़ों भक्तों ने कष्ट सहे। यह सब सतत सक्रिय रहे तथा सहयोग किया। उसी प्रकार करोड़ों लोगों के स्वैच्छिक सहयोग से मंदिर बनेगा। स्वाभाविक है जब जनसंपर्क होगा लाखों कार्यकर्ता गांव और मोहल्लों में जाएंगे, तो समाज स्वेच्छा से कुछ न कुछ निधि समर्पण करेगा।”

उन्होंने कहा कि, “जनसंपर्क का यह कार्य मकर संक्रांति से प्रारंभ करेंगे और माघ पूर्णिमा तक पूर्ण होगा। लाखों रामभक्त इस ऐतिहासिक अभियान के लिये अपना पूर्ण समय समर्पित करें, यह निवेदन है।”

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