राजस्थान की महिलाओं ने हरिद्वार में कपड़े की थैलियां भेजीं

राजस्थान की महिलाओं ने हरिद्वार में कपड़े की थैलियां भेजीं

जयपुर। जयपुर के कई घरों में एक मूक क्रांति की बयार चल रही हैं, जहां महिलाएं यह सुनिश्चित करने के लिए कपड़े की थैलियों की सिलाई कर रही हैं कि हरिद्वार में आयोजित होने वाला दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक आयोजन पॉलीथिन मुक्त हो।पर्यावरणविद अशोक स्वदेशी ने कहा कि जयपुर में महिलाओं द्वारा सिले गए कुल 30,000 कपड़े के थैले पहले ही कुंभ के लिए हरिद्वार भेजे जा चुके हैं, जो एक अप्रैल से शुरू होने वाला है।

स्वदेशी ने कहा, एक पॉलीथिन मुक्त कुंभ के लिए प्रतिबद्धता जताते हुए, स्वयंसेवक अधिक से अधिक ऐसे बैग लाने के लिए घर-घर जा रहे हैं, जो महिलाओं को इस मौन क्रांति को शुरू करने के लिए प्रेरित कर रहे हैं। उन्होंने कहा, कारखानों में कई बैग बनाए गए हैं, वहीं करीब 500 महिलाएं भी इस काम को पूरा करने में लगी हुई हैं। हमारा लक्ष्य 25,000 बैग भेजने का था, लेकिन अब 30,000 बैग भेज दिए गए हैं और 11 अप्रैल तक भेज दिए जाएंगे। उन्होंने बताया कि स्थानीय स्तर पर छोटे समूहों का गठन किया गया है, जो इस पहल के संचालन को देखते हैं।

जयपुर में एक नेचर लवर्स ग्रुप के प्रमुख श्रीकांत गुप्ता ने बताया कि हरिद्वार भेजे गए बैग कुंभ के आगंतुकों को दिए जाएंगे और उनसे पॉलिथीन ली जाएगी। उन्होंने कहा कि इन पॉलीथिनों का इस्तेमाल इको-ईंटों को बनाने के लिए किया जाएगा, जिसका उपयोग सड़कें, सेंटर टेबल, बेंच आदि बनाने में किया जाएगा।

स्वदेशी ने आगे कहा कि एक प्रतियोगिता स्थानीय स्तर पर भी आयोजित की जा रही है, जहां प्रवेश शुल्क के रूप में ऐसी एक इको-ईंट लानी होगी। उन्होंने कहा, इस प्रतियोगिता के लिए कुल 12,000 पंजीकरण किए गए हैं और हम और अधिक लोगों के आने की उम्मीद कर रहे हैं।

इस बीच, गुप्ता ने समूह के लोगों से अपनी अपील में कहा, मैं विनम्रतापूर्वक आपसे अनुरोध करता हूं कि आप अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने घर से कपड़े के थैले देकर पर्यावरण को बचाने और एक पॉली-फ्री पिलर बनाने में सहयोग करें। उन्होंने कहा, इस कुंभ मेले में कुल 20 करोड़ लोगों के आने की संभावना है, इसलिए बैग की पहली किस्त हरिद्वार भेज दी गई है। जो कोई भी अगली किस्त के लिए सहयोग करना चाहता है, वह उक्त पते पर डिलीवरी करें।

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