थोक महंगाई ने लगाई ऊंची छलांग, मार्च में रिकॉर्ड 7.3 फिसदी पर पहुंची

थोक महंगाई ने लगाई ऊंची छलांग, मार्च में रिकॉर्ड 7.3 फिसदी पर पहुंची

मुंबई। कोरोना महामारी के संकट के बीच थोक महंगाई में इजाफा देखने को मिला। थोक महंगाई दर लगातार तीसरे महीने बढ़कर 7.3 प्रतिशत पर पहुंच गई है। फरवरी, 2021 मेें थोक महंगाई की दर 4.17 प्रतिशत पर पहुंच गई थी। थोक महंगाई का इतना उच्च स्तर इससे पहले अक्टूबर 2012 में था, जब मुद्रास्फीति 7.4 प्रतिशत थी।

विश्लेषकों का कहना है कि थोक महंगाई दर में बढ़ोतरी का असर खुदरा महंगाई दर पर दिख सकता है। थोक महंगाई दर में दो फीसदी का यह साबित करता है कि महंगाई किस कदर बढ़ गई है। सबसे ज्यादा असर खाने-पीने की चीजों पर बढ़ा है। पिछले साल कोविड-19 महामारी के प्रकोप को रोकने के लिए लगाए गए देशव्यापी लॉकडाउन के चलते कीमतें कम थीं।

दूसरी ओर लगातार बढ़ रही महंगाई आम आदमी की कमर सीधी नहीं होने दे रही। पैट्रोल, डीजल और घरेलू गैस की कीमतों ने सड़क से रसोई तक लोगों को परेशान कर दिया है।यह बात उल्लेखनीय है कि अक्तूबर-मार्च 2016 से लेकर वर्ष 2020 के बीच खुदरा महंगाई औसतन 3.9 प्रतिशत रही थी। मुख्य रूप से दालों, रिफाइन्ड तेल, घी तथा मसालों के भावों में भारी उछाल आया है।

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