मप्र : कांग्रेस ने बाबाओं की टोली और भगवाधारी को प्रचार में उतारा

मप्र : कांग्रेस ने बाबाओं की टोली और भगवाधारी को प्रचार में उतारा

भोपाल, | मध्यप्रदेश में हो रहे विधानसभा उप-चुनाव का नजारा पिछले चुनावों के मुकाबले कुछ जुदा है। इस बार चुनाव में बाबाओं की टोली और भगवाधारी भाजपा नहीं बल्कि कांग्रेस के प्रचार में लगे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस ने तो बड़ा मलहरा विधानसभा क्षेत्र से भगवाधारी राम सिया को उम्मीदवार ही बना दिया है।

राज्य में विधानसभा की 28 सीटों पर उप-चुनाव हो रहे हैं। इन चुनावों में दोनों ही राजनीतिक दल पूरा जोर लगाए हुए हैं, मगर एक मामले में इस चुनाव में भाजपा से कांग्रेस आगे नजर आ रही है और वह है साधुओं की टोली और भगवाधारियों का प्रचार में उपयोग करना। आमतौर पर यह माना जाता रहा है कि भाजपा चुनाव में साधु-संत और भगवाधारियोंका उपयोग करती है मगर मध्यप्रदेश में इससे उलट तस्वीर नजर आ रही है। वैसे राज्य में भाजपा के पास दो बड़े भगवाधारी नेता उमा भारती और प्रज्ञा ठाकुर हैं, मगर दोनों ही नेताओं की सक्रियता चुनाव में कम ही नजर आ रही है।

एक तरफ जहां भाजपा साधु-संत और भगवाधारियों को सामने लाने से परहेज कर रही है तो दूसरी ओर कांग्रेस के लिए कंप्यूटर बाबा की टोली ‘लोकतंत्र बचाओ’ यात्रा निकाल रही है और एक-एक विधानसभा क्षेत्र में पहुंचकर कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन करने का आव्हान कर रही है। इसी तरह मिर्ची वाले बाबा भी कांग्रेस के प्रचार में लगे हैं। इतना ही नहीं कांग्रेस ने तो भगवाधारी राम सिया भारती को बड़ा मलहरा विधानसभा से उम्मीदवार ही बना दिया है तो साधना भारती, जो कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं, वह भी पार्टी के प्रचार में लगी हैं।

कंग्रेस के प्रवक्ता अजय यादव का कहना है कि, भाजपा हमेशा राजनीति में धर्म का लाभ लेने की केाशिश करती रही है, वहीं कांग्रेस ने कभी भी धर्म का इस्तेमाल नहीं किया। अब कांग्रेस खुले तौर पर अपनी भावनाएं व्यक्त कर रही है, प्रदेश के कांग्रेस मुखिया कमल नाथ की धार्मिक आस्थाएं किसी से छुपी नहीं है। उन्होंने छिंदवाड़ा में हनुमान जी की भव्य प्रतिमा बनवाई है तो राममंदिर के शिलान्यास से पहले उनके आवास और पार्टी कार्यालय में कार्यक्रम हुए थे।

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, राज्य में दोनों ही राजनीतिक दलों के लिए चुनाव जीतना लक्ष्य है, कांग्रेस भी हर मोर्चे पर सक्रिय है, यही कारण है कि उसने भी भाजपा के उस अस्त्र को हथियार बनाने की केाशिश की है, जिसके सहारे भाजपा ने बड़ा जनाधार पाया है। कांग्रेस के लिए बाबाओं की टोली घूम रही है, भगवाधारी भी सक्रिय हैं। अब देखना होगा कि कांग्रेस के इस अस्त्र का चुनाव में कितना लाभ मिलता है।

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