दिल्ली : जुलाई-सितंबर में सीपी, खान मार्केट में औसत खुदरा किराया 14 फीसदी घटा

दिल्ली : जुलाई-सितंबर में सीपी, खान मार्केट में औसत खुदरा किराया 14 फीसदी घटा

नई दिल्ली, | कोरोना महामारी ने चूंकि व्यापार पर बुरा प्रभाव डाला है, इसलिए महंगी कॉमर्शियल जगहों के किराए में भी गिरावट आई है। राष्ट्रीय राजधानी के प्रमुख रिटेल स्थानों–कनॉट प्लेस, खान मार्केट और साउथ एक्सटेंशन (प्रथम व द्वितीय) में औसत मासिक खुदरा किराए में पिछले साल की समान अवधि की तुलना में जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 14 प्रतिशत की गिरावट आई है। ‘कुशमैन एंड वेकफील्ड’ की एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। साल 2020 में तीसरी तिमाही के दौरान खान मार्केट में एक महीने का औसत खुदरा किराया 1,200 रुपये प्रति वर्ग फीट था। इसी तरह, कनॉट प्लेस और साउथ एक्सटेंशन (प्रथम व द्वितीय) में औसत खुदरा किराए क्रमश: 900 रुपये और 600 रुपये थे।

राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) के अन्य वाणिज्यिक क्षेत्रों में भी किराए पर असर पड़ा। गुरुग्राम के सेक्टर-29 और नोएडा के सेक्टर-18 में औसत खुदरा किराए में क्रमश: 23 फीसदी और 28 फीसदी की गिरावट आई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किराया पुनर्मूल्यांकन रिटेलर-डेवलपर की बातचीत में एक प्रमुख विशेषता बनी हुई है, क्योंकि फिजिकल रिटेलिंग में व्यावसायिक गतिविधि ने महामारी के कारण एक गंभीर रूप ले लिया है, और कई खुदरा विक्रेताओं ने ई-कॉमर्स का रुख किया है, जहां उन्हें ज्यादा सफलता नजर आ रही है।

इसने कहा, “शहर में कुछ बड़े मॉल संचालकों द्वारा खुदरा विक्रेताओं के लिए विभिन्न अवधियों के लिए किराये के भुगतान में छूट दी जा रही है और साथ ही नए लेनदेन के लिए भी सहमति दी जा रही है, भले ही अल्पकाल के लिए हो।”

रिपोर्ट ‘मार्केट बीट दिल्ली-एनसीआर रिटेल क्वार्टर 3’ में कहा गया है कि खुदरा विक्रेताओं की लिक्विडिटी चुनौती और मालिकों के वित्तीय दायित्वों को कोविड-19 द्वारा पेश चुनौतीपूर्ण स्थिति से निपटने के लिए दोनों पक्षों में पारस्परिक रूप से सहमत बातों पर पहुंचने की जरूरत को रेखांकित करता है।

रिपोर्ट में कहा गया कि जबकि खुदरा विक्रेताओं ने किराये में छूट की मांग जारी रखी और सुस्त बिक्री के समय में वे शुद्ध राजस्व हिस्सेदारी की जुगत में हैं, वहीं मॉल मालिकों ने इसे अगले 6-9 महीनों के लिए अल्पावधि के रूप में देखा है, जबकि एक निश्चित समय से परे बढ़ी हुई किराए की मांग भी कर रहे हैं।

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